बटाला सीट: टिकट न बदली तो 20 हजार वोट से हारेंगे सेखड़ी

Edited By Updated: 27 Dec, 2016 11:30 PM

batala seat ticket change will lose 20 thousand votes sekdi

पूर्व मंत्री और बटाला से विधायक अश्विनी सेखड़ी को टिकट दिए जाने का घर के भीतर से ही विरोध शुरू हो ...

जालंधर(इलैक्शन डैस्क): पूर्व मंत्री और बटाला से विधायक अश्विनी सेखड़ी को टिकट दिए जाने का घर के भीतर से ही विरोध शुरू हो गया है। सेखड़ी के भाई इंद्र सेखड़ी और उनके समर्थकों ने ताल ठोकते हुए चेतावनी दी है कि यदि कांग्रेस ने इस सीट पर उम्मीदवार न बदला तो पार्टी इस सीट पर कम से कम 15 या 20 हजार वोट के अंतर से हारेगी। सेखड़ी के भाई इंद्र सेखड़ी खुद इस सीट से दावेदार हैं और बटाला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनका समर्थन कर रहे हैं। 

 

अश्विनी सेखड़ी के भाई इंद्र सेखड़ी ने कहा कि मुझे कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने इस सीट से आवेदन करने के लिए कहा था लेकिन अब वह अपनी बात से पीछे हट रहे हैं। बटाला के 33 में से 27 वार्डों के कांग्रेसी मेरे साथ हैं। हमने हाईकमान से बात की है और हाईकमान ने हमें इस सीट पर फैसले पर पुनर्विचार करने का आश्वासन दिया है। यदि पुनर्विचार नहीं होता तो बटाला कांग्रेस जो फैसला लेगी उसके मुताबिक ही अगला सियासी कदम उठाया जाएगा। हम कांग्रेस को जिंदा रखना चाहते हैं लेकिन अश्विनी सेखड़ी उम्मीदवार रहे तो बटाला में कांग्रेस खत्म हो जाएगी। 
    

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यकारी सदस्य पवन कुमार पम्मा ने कहा कि इस सीट से मैं खुद टिकट का दावेदार था लेकिन मैंने इंद्र सेखड़ी के पक्ष में दावेदारी वापस ले ली है। इसके अलावा सीट से अन्य दावेदारों रविंद्र शर्मा व नितिन शर्मा ने भी इंद्र सेखड़ी के पक्ष में दावेदारी वापस ली है। हम इस मामले में अहमद पटेल से मिले हैं। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि अश्विनी सेखड़ी का नाम गलती से लिस्ट में आया है और इस पर दोबारा विचार किया जा रहा है। सर्वे की रिपोर्ट अश्विनी के खिलाफ आई थी लेकिन आशा कुमारी ने वह रिपोर्ट छुपा ली। अश्विनी की बटाला नगर कौंसिल में हो रहे भ्रष्टाचार में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 


ओ.बी.सी. सैल के वाइस चेयरमैन मंजीत सिंह हंसपाल ने कहा कि अश्विनी सेखड़ी खुद बटाला से 40 किलोमीटर दूर अमृतसर में रहते हैं और पार्टी कार्यकत्र्ताओं व आम लोगों की पहुंच उन तक नहीं है। नगर कौंसिल के चुनाव में उन्होंने बतौर विधायक अपना वोट भाजपा के पक्ष में दिया जिससे कमेटी में भाजपा का चेयरमैन बना। मैंने यह बात डेराबस्सी में कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं के सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी को भी बताई है। यदि उन्हें मिली टिकट रद्द न हुई तो वह 20 हजार वोटों से हारेंगे। 
    

महासचिव, गुरदासपुर कांग्रेस के महासचिव वरिंद्र शर्मा ने कहा कि मैं 1978 से कांग्रेस से जुड़ा हूं लेकिन मुझे अब कांग्रेसी होने में शर्म आ रही है और इसका कारण हैं पंजाब की पार्टी प्रभारी आशा कुमारी। वह गीतों में बात करती हैं। हम बटाला के टिकट के मामले में उनसे मिलने गए तो वह गीत सुन रही थीं। हमने जब उनसे बात की तो उनका जवाब था ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना’। इस तरह के प्रभारी रहते पार्टी के वर्कर का क्या मनोबल होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। बटाला में टिकट न बदली गई तो कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ेगा।     

 

गुरदासपुर कांग्रेस के उपाध्यक्ष रमेश वर्मा इंद्र सेखड़ी बहुत मेहनती हैं। पिछले सारे चुनावों में उन्होंने मेहनत की है जबकि अश्विनी सेखड़ी वर्करों के साथ झूठे वायदे करते हैं। पार्टी द्वारा टिकट उन्हें दी जानी चाहिए। 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!