Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 01:52 PM
कै. सरकार द्वारा आटा-दाल स्कीम से जुड़े नीले कार्डधारक परिवारों की करवाई जाने वाली री-वैरीफिकेशन ने एक बार फिर से चर्चा का बाजार
लुधियाना(खुराना): कै. सरकार द्वारा आटा-दाल स्कीम से जुड़े नीले कार्डधारक परिवारों की करवाई जाने वाली री-वैरीफिकेशन ने एक बार फिर से चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। सरकार की इस अहम योजना से जुड़े सैंकड़ों परिवार सरकार के फैसले पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि आटा-दाल योजना से जुड़े लाभपात्र परिवारों की पहचान करने के नाम पर इन्वैस्टीगेशन टीम के अधिकारी, कर्मचारी सी.एम. की आंखों में धूल झोंकने के लिए परिवारों की पहचान घर-घर जाकर करने की बजाय ए.सी. कार्यालयों में बैठकर डिपो मालिकों द्वारा मुहैया करवाई डिटेल अनुसार कर रहे हैं, जोकि राज्य की गरीब जनता के साथ भद्दा मजाक है।
याद रहे कि राज्य की पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान पहले भी अनेकों नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन का काम किया जा चुका है, जिसका कोई खास नतीजा देखने को नहीं मिला है, क्योंकि आज भी अधिकतर इलाकों में गरीबों को मिलने वाले सरकारी गेहूं पर सम्पन्न परिवार डाका मारते हुए अपनी लग्जरी गाडिय़ों में भरकर ले जाते आम ही देखे जा सकते हैं। ऐसे में सरकार की साख पर उंगलियां खड़ी होना लाजिमी है। जिक्रयोग्य है कि जब बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां पहले ही 3-4 बार नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन का काम हो चुका है तो आखिर क्यों कैप्टन सरकार ने नीले कार्डों की जांच करवाने के आदेश जारी कर दिए। क्या कै. समझते हैं कि बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान पहले कई बार हुई नीले कार्डों की जांच टीम द्वारा सही ढंग से नहीं की गई है। अगर ऐसा है तो फिर से उन्हीं विभागों के कर्मचारियों व डिपो मालिकों के कंधों पर जांच की जिम्मेदारी क्यों डाली गई है, जोकि पहले ही कई बार नीले कार्डधारकों की पहचान कर चुके हैं।
क्या डिपो होल्डर अमीर परिवारों के कार्ड रद्द करने की करेंगे सिफारिश
जिस प्रकार से सरकार द्वारा गठित इन्वैस्टीगेशन टीम में शामिल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग व नगर निगम के कर्मचारी कार्डों की जांच के नाम पर खानापूॢत कर डिपो मालिकों को फार्म थमाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं, जबकि सरकार की योजना के मुताबिक उक्त जोड़ीदारों की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे घर-घर जाकर इस बात की पड़ताल करेंगे कि आटा-दाल स्कीम का लाभ प्राप्त कर रहे नीले कार्डधारक क्या सच में सरकार की इस योजना के हकदार हैं या नहीं।