Edited By Updated: 28 Apr, 2017 03:06 PM
बादल सरकार द्वारा चलाई गई अाटा दाल स्कीम लोगों की जरुरत पूरी कर रही है
चंडीगढ़ः बादल सरकार द्वारा चलाई गई अाटा दाल स्कीम लोगों की जरुरत पूरी कर रही है लेकिन उसे पटरी पर लाने के लिए पंजाब सरकार उसकी कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है। गरीब की थाली में पिछले एक वर्ष से अाटा तो बराबर जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार की अार्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण दाल एक बार ही मिलती है। कैप्टन सरकार दाल की कीमल 30-40 रुपए कर गरीबों को नियमित दाल देने की तैयारी कर रही है।
प्रदेश में चल रहे नीले कार्ड के तहत 36.31 लाख परिवार अाटा-दाल स्कीम का लाभ ले रहे हैं। केंद्र के फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत गेहूं तो नीले कार्ड धारकों को बाटां ज रह है लेकिन महंगी दाल नहीं मिल रही है क्योंकि यह योजना राज्य सरकार की है। पंजाब सरकार को नियमित वितरिण के लिए 6800 टन प्रति माह अावश्यकता होती है। इसमें
30 रुपए तो लोगों से लिए जाते हैं जबकि 50 रूपए लोगों को सबसिडी दी जाती है।
पिछले वर्ष दाल की कीमत बढ़ने कारण मात्र एक ही दाल बांटी गई। पंजाब सरकार अब दाल की कीमत पर 50-50 फीसदी सा अौसत रखने पर विचार कर रही ह। यानि 50 प्रतिशत हिसा,कार्डधारक देगा अौर 50 फीसदी सब्सिडी सरकार देगी। एेसा करने से सरकार पर सब्सिडी का बौझ कम होगा, वहीं दूसरी तरफ से नियमित दाल भी लोगों की थाली तक पहुंच सकती है।
उधर,पंजाब सरकार पहले ही नीले कार्ड के तहत कवर 1.39 करोड़ लाभपात्रियों की संख्या घटाने की कवायद शुरु कर चुकी है। सरकार मान रही है पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए उन लोगों के भी नीले कार्ड बनाए जो अाटा-दाल का लाभ लेने के पात्र नहीं थे।