Edited By Updated: 27 Apr, 2017 01:01 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राज्य की सत्ता संभालते ही जहां अकाली-भाजपा के कार्यकाल के दौरान बनाए गए नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन
लुधियाना (खुराना): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राज्य की सत्ता संभालते ही जहां अकाली-भाजपा के कार्यकाल के दौरान बनाए गए नीले कार्डों की री-वैरीफिकेशन किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं, वहीं कैप्टन ने इस बात पर भी जोर दिया है कि नीले कार्डों के तहत जरूरतमंद व गरीब परिवारों को दी जा रही आटा-दाल स्कीम में अब राज्यभर के किसानों (भूमिहीन परिवारों), जिन्होंने आॢथक मंदी के चलते आत्महत्या की है, ऐसे सभी परिवारों को नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट-2013 नई आटा-दाल योजना के अंतर्गत योजना का हिस्सा बनाकर सरकार की सस्ती आटा-दाल योजना का लाभ दिया जाएगा। इस मुद्दे में मुख्यमंत्री कैप्टन द्वारा राज्य के सभी डिप्टी कमिश्नरों को नोटीफिकेशन जारी कर दिया है।
उक्त पहले से बनाए गए अधिकतर नीले कार्ड फर्जी दस्तावेजों के सहारे बनाए गए हैं। ऐसे सभी कार्डों की पुन: जांच जहां ग्रामीण इलाकों में इलाके से संबंधित पटवारी, पंचायत, सैक्रेटरी व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का स्टाफ करेगा, वहीं शहरी इलाकों में यह हिस्सेदारी गजटिड अधिकारी नगर निगम कमिश्नर या उनके द्वारा गठित टीम के सदस्यों व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से संबंधित स्टाफ के कंधों पर टिकी रहेगी, जिसकी निगरानी उपमंडल मैजिस्ट्रेट (एस.डी.एम.) करेंगे और कार्डों की री-वैरीफिकेशन के लिए एक विशेष प्रकार के उपकरण का इस्तेमाल किया जाएगा। नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट-2013 नई आटा-दाल योजना के अंतर्गत मौजूदा लाभपात्रियों की जानकारी विभाग की वैबसाइट http://foodsppb.nic.in/ state transparency portel active benefiticary list पर उपलब्ध है। वैबसाइट से उक्त जानकारी डाऊनलोड करके योजना से जुड़े मौजूदा लाभपात्र परिवारों के योग्य व अयोग्य पाए जाने की जानकारी दर्ज की जाने संबंधी निर्देश सरकार द्वारा जारी किए गए हैं।
नियमों के मुताबिक योग्य पाए जाने वाले लाभपात्र परिवारों की वार्षिक आमदन 30 हजार रुपए से लेकर 60 हजार के बीच होनी चाहिए। इसमें लाभपात्र परिवार से संबंधित सभी सदस्यों के आधार कार्ड, परिवार की महिला मुखिया का मोबाइल नंबर व बैंक खाते की डिटेल भी दर्ज की जाएगी। सरकार की नई योजना के मुताबिक मौजूदा लाभपात्र परिवारों की री-वैरीफिकेशन व ऐसे किसानों/भूमिहीन परिवारों की शिनाख्त संबंधी फाइनल सूची संबंधित एस.डी.एम. द्वारा मार्क की जाएगी। इसके लिए सभी जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कंट्रोलर्स को 15 मई तक का समय दिया गया है कि वे अपने-अपने जिले से संबंधित प्रत्येक योग्य लाभपात्र परिवारों की सूची मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजें।