फूलका के इस्तीफे के बाद नेता प्रतिपक्ष नहीं तय कर पाए केजरीवाल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 12:33 PM

arvind kejriwal fails to decide leader of opposition

पंजाब की सियासत में अब आम आदमी पार्टी की राह आसान नहीं रह गई है।

चंडीगढ़ः पंजाब की सियासत में अब आम आदमी पार्टी की राह आसान नहीं रह गई है। नेता प्रतिपक्ष व विधायक दल के नेता पद से एच.एस. फूलका के इस्तीफे के बाद अभी तक पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल उक्त पद के लिए किसी नाम का चयन नहीं कर पाए हैं। नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में सबसे बड़ी बाधा केजरीवाल के सामने लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत बैंस और आप प्रवक्ता व विधायक सुखपाल सिंह खैहरा के मधुर संबंध बन रहे हैं।

 

विधानसभा चुनाव के बाद तेजी के साथ बनते-बिगड़ते समीकरणों से जूझ रही आप अभी तक विपक्ष में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी सूबे की सियासत में पटरी पर नहीं आ पाई है। पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन के बाद केजरीवाल को उम्मीद थी कि कुछ समीकरण अच्छे होंगे, लेकिन फूलका के इस्तीफे के बाद समीकरण और खराब हो गए।

 

तीन खेमों में बंटी आप अब यह नहीं समझ पा रही है कि सभी 20 विधायकों को एकजुट कैसे किया जाए। सुखपाल खैहरा अपनी ढफली अपना राग अलाप कर अभी भी पार्टी के 20 विधायकों पर भारी पड़ रहे हैं। विभिन्न मुद्दों पर कैप्टन सरकार को घेरने के मामले में खैहरा ने पार्टी को अकेले ही पीछे छोड़ दिया है। नतीजतन कुछ विधायक खैहरा से प्रभावित भी हैं।

 

विधानसभा सत्र में पार्टी को फूलका से उम्मीद थी कि फूलका इस सत्र के बहाने सभी विधायकों को एकजुट कर लेंगे, लेकिन सदन के अंदर फूलका अपनी दमदार मौजूदगी नहीं दर्ज करवा पाए। अलबत्ता कंवर संधू जरूर कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष से तर्कों के साथ बहस करके पार्टी के सामने एक विकल्प दे पाने में सफल रहे हैं। डिप्टी लीडर सर्वजीत कौर माणुके व बलजिंदर कौर जरूर महिला विधायक होने के नाते विभिन्न मौकों पर नजर आई हैं, लेकिन वह भी गुटबाजी के चलते अलग-थलग पड़ गई हैं।

 

खैहरा व बैंस ब्रदर्स में उनकी आक्रामक शैली के चलते बने मधुर संबंधों ने केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ी दी हैं। बैंस ब्रदर्स द्वारा नेता प्रतिपक्ष के रूप में खैहरा के नाम का सुझाव देने के बाद केजरीवाल बैंस ब्रदर्स पर भी अब दांव लगाने के मूड में नहीं हैं। इन हालात में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद भगवंत मान के करीबी व पार्टी के उपाध्यक्ष अमन अरोड़ा तेजी के साथ अपने साथ विधायकों को जुटाने की कवायद में लगे हैं।

 

उन्होंने सर्वजीत कौर माणुके को अपने कोर ग्रुप में शामिल करके हाईकमान तक यह संदेश देने की कोशिश की है कि नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उनकी दावेदारी से पार्टी विधायकों को एतराज नहीं है। फिलहाल लगातार बनते-बिगड़ते समीकरण और अंदरूनी फूट के चलते पंजाब में भविष्य की सियासत में आप की राह आसान नहीं रह गई है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!