Edited By Updated: 05 May, 2017 09:44 AM
आखिर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को होश आने लगी है कि उनकी लगातार तीसरी हार सिर्फ ई.वी.एम. से छेडख़ानी के
जालंधर (बुलंद): आखिर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को होश आने लगी है कि उनकी लगातार तीसरी हार सिर्फ ई.वी.एम. से छेडख़ानी के कारण नहीं हुई उसके कुछ और भी कारण थे। अपनी गलती को सुधरने की ओर पहला कदम बढ़ाते हुए केजरीवाल ने दिल्ली इकाई को दोबारा मजबूत करने के लिए अपने कवि नेता कुमार विश्वास को मना लिया है। पार्टी जानकारों की मानें तो केजरीवाल का अगला निशाना पंजाब है जहां विधानसभा चुनावों में हार के बाद से पार्टी कई टुकडों में बंटी हुई है। पार्टी के भीतर पंजाब इकाई को पुनर्गठित करने के लिए योजनाबंदी तैयार होने लगी है।
भगवंत मान का बढ़ रहा कांग्रेस प्रति मोह
पार्टी का मानना है कि दिल्ली के बाद पंजाब ही ऐसा राज्य है, जिसने ‘आप’ को गले से लगाया पर पार्टी पंजाबियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। पार्टी हाईकमान अपनी इस गलती को सुधारने के लिए कई अहम फैसले लेने की ओर बढ़ रहा है। जानकार बताते हैं कि केजरीवाल ने पंजाब इकाई के नेताओं से अंदरखाते बैठकें की हैं औैर जल्द ही एक अहम बैठक चंडीगढ़ या दिल्ली में होने जा रही है, जिसमें पंजाब प्रभारी व पंजाब कन्वीनर बारे फैसले लिए जा सकते हैं। पार्टी से नाराज चल रहे भगवंत मान बारे ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि उनका कांग्रेस के प्रति मोह बढ़ता जा रहा है, जिसमें उनकी मदद मनप्रीत बादल कर रहे हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के बड़ी लीडरशिप को डर सता रहा है कि अगर मान ‘आप’ को अलविदा कह देते हैं तो इसका सीधा असर पार्टी की छवि पर पड़ेगा, क्योंकि पहले ही खालसा, गांधी और छोटेपुर जैसे नेताओं ने पार्टी को छोड़कर पार्टी की कार्यशैली पर बड़े स्वाल खड़े किए हैं।
घुग्गी को कन्वीनर पद से हटा सकती है 'आप'
ऐसे में सांंसद भगवंत मान को पार्टी किसी हाल में गंवाना नहीं चाहती। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो पार्टी मान को मनाने के लिए गुरप्रीत घुग्गी के पंजाब कन्वीनर पद की बली ले सकती है और इस पद पर मान को आसीन कर उन्हें पार्टी में बने रहने के लिए मना सकती है। मान की तरह ही पार्टी आने वाले दिनों में विरोधियों को कड़े हाथों लेने वाले तेज नेता व भुलत्थ से ‘आप’ के विधायक सुखपाल खैहरा को भी बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए प्लानिग कर रही है। पार्टी चाहे गुरप्रीत घुग्गी को कन्वीनर पद से हटा सकती है पर घुग्गी की पार्टी प्रति मेहनत को देखते हुए उन्हें किसी अन्य पद पर तैनात कर उन्हें भी राजी रखने की कोशिश की जाएगी।
निगम चुनावों का ऐलान कर सकती है 'आप'
उधर, पार्टी जानकार बताते हैं कि केजरीवाल आने वाले दिनों में पंजाब में पार्टी का जमीनी आधार मजबूत करने के लिए पार्टी के स्टेट युनिट का विस्तार कर सकते हैं। पार्टी कांग्रेस की राह पर चलते हुए राज्यभर में नए पदाधिकारियों की घोषणा कर सकती है। इस बारे पार्टी जोर-शोर से पार्टी की पंजाब इकाई से जुड़े नेताओं की सूचियां तैयार करने में लगी है और आने वाले दिनों में निगम चुनावों, पार्टी के विस्तार और पंजाब प्रभारी व कन्वीनर बारे पार्टी नए ऐलान कर सकती है।