Edited By Updated: 01 May, 2017 08:13 PM
सीमाओं या सीमावर्ती राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के जवानों के साथ हो रही...
जालंधर(धवन): सीमाओं या सीमावर्ती राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना के जवानों के साथ हो रही अमानवीय व्यवहार की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मांग की है कि ऐसे खतरनाक स्थितियों से निपटने के लिए भारतीय सेना को पूरी तरह से स्वतंत्रता दी जानी चाहिए।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जो स्वयं एक सेना अधिकारी रहे हैं, ने भारतीय जवानों के पक्ष में स्टैंड लेते हुए कहा कि जवानों को न केवल सीमा पार से दुश्मन शक्तियों के हाथों अत्याचारों का सामना करना पड़ता है, बल्कि कई बार उन्हें सिविलियन के हाथों भी अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय जवानों के शवों के साथ किए अमानवीय व्यवहार पर टिप्पणी करते हुए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने केन्द्र सरकार से कहा कि वह ऐसी बर्बरतापूर्ण व अत्याचार जैसी घटनाओं से निपटने के लिए दुश्मन शक्तियों को कड़ा संदेश भेजे। उन्होंने कहा कि ऐसी भड़काऊ कार्रवाईयों को सहन नहीं किया जा सकता और न ही ऐसा करने वालों को दंडित किए बिना छोड़ा जा सकता है।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि कश्मीर में हाल ही में सम्पन्न चुनाव के समय भी कुछ सिविलियन का व्यवहार भारतीय जवानों के प्रति उचित नहीं था। सिविलियन ने कानून को अपने हाथ में लिया। उन्होंने कहा कि सेना अधिकारियों की जिम्मेदारी जवानों के हितों की रक्षा करना है। मेजर गोगोई के पक्ष में आते हुए कैप्टन ने कहा कि मेजर गोगोई तो केवल अपनी डयूटी निभा रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर मैं मेजर गोगोई के स्थान पर होता तो मैं भी ऐसा ही करता। उन्होंने कहा कि मेजर गोगोई को अपने फैसले के लिए उचित रूप से सम्मानित किया जाना चाहिए तथा हम सबको उनका सम्मान करना चाहिए।