हवा-हवाई साबित हुई मुफ्त बिजली सुविधा छोड़ने की अपील

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2017 03:09 PM

appeal to leave free power facility

पंजाब में  तह सीमा से नीचे चले गए पानी की बचत के अलावा छोटे और सीमांत किसानों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा बड़े किसानों को  मुफ्त बिजली की सुविधा छोड़ने की अपील हवा-हवाई साबित हुई।

चंडीगढ़ः पंजाब में  तह सीमा से नीचे चले गए पानी की बचत के अलावा छोटे और सीमांत किसानों को सहायता देने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा बड़े किसानों को  मुफ्त बिजली की सुविधा छोड़ने की अपील हवा-हवाई साबित हुई। कैप्टन, फतहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा, आम आदमी पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा और एक ओर किसान ही मैदान में उतरे हैं जबकि बाकी   नेता चुप बैठे हैं। 19 जून, 2017 को विधानसभा अंदर मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए मुफ़्त बिजली की सुविधा जारी रखने का ऐलान करते बड़े किसानों को खेती ट्यूबवैलों के लिए मुफ्त बिजली की सुविधा छोड़ने की अपील की थी। 

 

उस समय कांग्रेस विधायकों ने इसका हाथ खड़े कर समर्थन किया था। पंजाब में 14 लाख से अधिक ट्यूबवैल कनैक्शन हैं। सरकार की तरफ से मुफ्त बिजली के साल 2016 -17 में 6364.49 करोड़ रुपए अदा किए जाने थे। पिछले दो सालों की लगभग 2300 करोड़ रुपए सब्सिडी राशि सरकार की तरफ बकाया खड़ी होने के कारण इस बार के बजट में बिजली सब्सिडी पर 10 हजार करोड़ रुपए ख़र्च होने हैं। बजट वाले दिन वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से मुफ़्त बिजली की सुविधा छोड़ने बारे पूछने पर उन्होंने कहा था कि वह सबसे पहले तैयार हैं परन्तु उनके पास कोई ट्यूबवैल कनैक्शन ही नहीं है।


वहीं कुलजीत सिंह नागरा  ने कहा कि उन्होंने विधानसभा के अंदर ही मुफ्त बिजली की सुविधा छोड़ने के अलावा बतौर विधायक एक महीने का वेतन  भी किसानों -मजदूरों के हित में देने का ऐलान किया था। सूत्रों अनुसार पंजाब सरकार मुख्यमंत्री की अपील पर अमल कराने के लिए नेताओं और बड़े किसानों को प्रेरित करने का तरीका ढूंढ रहे हैं। 


गौरतलब है कि सुखपाल सिंह खैहरा ने  पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को 2015 में एक चिट्ठी लिख कर गरीब किसानों का हाथ पकड़ने के लिए बड़े किसानों को मुफ्त बिजली  सुविधा छोड़ने की अपील करते अपने 9 ट्यूबवैलों की मुफ्त बिजली छोड़ने की पेशकश की थी। इसमें कहा था कि लगभग 50 के करीब बादल परिवार के ट्यूबवैलों की मुफ्त बिजली की सुविधा वापस कर दी जाए। बादल तो ख़ामोश रहे परन्तु पावरकॉम के आधिकारियों ने खैहरा की चिट्ठी को पंजाब सरकार के पास भेज दिया था क्योंकि यह नीतिगत मामले से सबंधित है। बिजली सुधार विंग के ओ.एस.डी. ने पावरकॉम के चेयरमैन-कम -प्रशासनिक निर्देशक के नाम फरवरी 2017 में लिखी चिट्ठी में कहा था कि यदि कोई मुफ्त बिजली की सुविधा छोड़ना चाहता है तो सरकार को कोई ऐतराज नहीं है। सूत्रों अनुसार पटियाला की कैंट डिवीज़न पूर्वी के अधीन आते गांव भानरी के किसान सुखविन्दर सिंह ने भी अपने 20 हार्स शक्ति के ट्यूबवैल कनैक्शन की मुफ़्त बिजली छोड़ने की पेशकश की है।   

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