Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 12:28 PM
नजदीकी गांव बुध सिंह वाला में शराब के ठेकेदारों द्वारा गांव के लड़कियों वाले सरकारी स्कूल व बस स्टैंड के पास नए खोले गए शराब के ठेके का गांव के लोगों, दशमेश क्लब, श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी तथा नशों के खिलाफ हाथ खड़े करके नौजवानों ने सख्त...
बाघापुराना(चटानी/ मनीष): नजदीकी गांव बुध सिंह वाला में शराब के ठेकेदारों द्वारा गांव के लड़कियों वाले सरकारी स्कूल व बस स्टैंड के पास नए खोले गए शराब के ठेके का गांव के लोगों, दशमेश क्लब, श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी तथा नशों के खिलाफ हाथ खड़े करके नौजवानों ने सख्त विरोध करते हुए ठेके में तोड़-फोड़ कर चेतावनी दी कि अगर स्कूल के नजदीक ठेके खोला तो उसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस दौरान उपस्थित महिलाओं ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए कहा कि गांव की पंचायत ने पहले भी 2 बार प्रस्ताव डाल कर ठेके को गांव की आबादी तथा सार्वजनिक स्थानों से दूर ले जाने की मांग की थी तथा प्रस्ताव को मंजूर भी कर लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद ठेका गांव के नजदीक ही खोल दिया गया। गांव निवासी श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार कमेटी के सदस्य बलवंत सिंह, दशमेश क्लब के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह के अलावा संतोख सिंह, अमरजीत सिंह आदि ने कहा कि वे स्कूल तथा बस अड्डे के नजदीक शराब का ठेका किसी भी कीमत पर नहीं खुलने देंगे।
क्या कहना है ठेकेदारों के नुमाइंदों का
ठेकेदारों के नुमाइंदों ने इस संबंधी कहा कि ठेका एक्साइज विभाग की मंजूरी से ही खोला गया है, लेकिन अगर लोगों को ठेके के खुलने पर एतराज है तो वे प्रशासन से बात कर समस्या का हल निकालेंगे।
गांव घोलियां कलां में शिक्षण संस्थान के पास सरेआम बिक रहा मीट व शराब
गांव घोलियां कलां में शराब का ठेका व मीट की दुकानें सरकारी हाई स्कूल, प्राइमरी स्कूल तथा सरकारी स्वास्थ्य डिस्पैंसरी के बिल्कुल सामने कई वर्षों से घनी आबादी के मध्य सरेआम चल रही हैं। इसके विरोध में गांव के सरपंच व गांववासियों ने रोष प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर सरपंच मनप्रीत सिंह ने बताया कि गांववासियों, गुरुद्वारा साहिब की कमेटियों तथा समाज सेवी क्लबों की मांग पर ग्राम पंचायत ने नवम्बर 2015 को ठेका गांव से 2 किलोमीटर दूर किए जाने का प्रस्ताव पारित किया था तथा इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर मोगा व सहायक आबकारी एवं कर कमिश्नर मोगा के पास फरवरी 2016 को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन किसी अधिकारी ने अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई। ऐसे माहौल से जहां बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है, वहीं अहाते पर शराबियों के झगड़े भी किसी अनहोनी घटना का कारण बनते रहते हैं।