पंजाब की हजारों आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स कल करेंगी विधानसभा का घेराव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Nov, 2017 10:54 AM

anganwadi workers and helpers of punjab will make a plan to encroach assembly

आंगनबाड़ी वर्करों और हैल्परों का संघर्ष पूरे शिखर पर है। जगह-जगह हर शहर में रोष रैलियां, धरने-प्रदर्शन व घेराव किए जा रहे हैं। पंजाब सरकार और शिक्षा मंत्री के पुतले फूंके जा रहे हैं। सड़कों पर जाम लग रहे हैं परन्तु पंजाब सरकार गहरी नींद में है। इन...

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): आंगनबाड़ी वर्करों और हैल्परों का संघर्ष पूरे शिखर पर है। जगह-जगह हर शहर में रोष रैलियां, धरने-प्रदर्शन व घेराव किए जा रहे हैं। पंजाब सरकार और शिक्षा मंत्री के पुतले फूंके जा रहे हैं। सड़कों पर जाम लग रहे हैं परन्तु पंजाब सरकार गहरी नींद में है। इन वर्करों/हैल्परों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। जिस कारण इनमें सरकार के प्रति गुस्से की लहर और भी तेज हो गई है।

ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की तरफ से राज्य अध्यक्ष हरगोबिन्द कौर की अध्यक्षता में 27 नवम्बर को चंडीगढ़ में पंजाब विधानसभा का घेराव किया जा रहा है और राज्यभर में से 20 हजार से अधिक वर्करों व हैल्परों द्वारा सिरों पर काले दुपट्टे लेकर और हाथों में काले झंडे पकड़ कर बसों पर काफिलों के माध्यम से जाने का कार्यक्रम बनाया गया है। 

वर्कर्स को ही दिया जाए प्री नर्सरी टीचर का दर्जा: यूनियन 
आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की प्रांतीय प्रधान हरगोबिन्द कौर, प्रांतीय नेता शिन्दरपाल कौर थांदेवाला, दलजिन्द्र कौर उदेनंगल, गुरमीत कौर गोनियाना, बलवीर कौर मानसा, कृष्णा देवी औलख, हरजीत कौर वेरका, रेशमा रानी फाजिल्का, रीमा रानी रोपड़, बलजीत कौर कुराली, कुलमीत कौर बटाला, बलजीत कौर पेधनी, जसवीर कौर दसूहा, शिन्दर कौर भूंगा, महेन्द्र कौर पत्तों, शीला देवी गुरुहरसहाए, जसपाल कौर झुनीर और जसवंत कौर भिखी आदि ने मांग की है कि प्री नर्सरी कक्षाएं आंगनबाड़ी सैंटरों में ही चलार्ई जाएं व वर्कर्स को नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए। 

गरीबों के बच्चों के मुंह से छीनी रोटी 
आंगनबाड़ी सैंटरों में गरीबों के बच्चे ही आते हैं, जिनकी संख्या राज्य भर में 5 से 6 लाख के करीब है। सैंटरों में तो बच्चों को खाने के लिए सब कुछ मिलता था परन्तु सरकारी स्कूलों में बच्चों को देने के लिए सरकार के पास कुछ नहीं है, क्योंकि मिड-डे मील स्कीम का खाना तो 6 साल से ऊपर वाले बच्चों के लिए ही है। इस तरह से गरीब बच्चों के मुंह से रोटी छीनी जा रही है।

दिल्ली सरकार वर्कर्स को दे रही है 10 हजार रुपए मान-भत्ता 
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आम आदमी की सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्स को प्रति महीना 10 हजार रुपए मान-भत्ता व हैल्पर को 5 हजार रुपए प्रति महीना दे रही है। जबकि पंजाब में वर्कर्स को 5600 रुपए और हैल्पर को सिर्फ  2800 रुपए पर ही गुजारा करना पड़ रहा है। 

क्या है आंगनबाड़ी वर्करों व हैल्परों का पूरा मामला 
2 अक्तूबर 1975 को महात्मा गांधी के जन्म दिन मौके केन्द्र सरकार ने छोटे बच्चों के विकास के लिए आई.सी.डी.एस. योजना शुरू करके 6 सेवाएं दी हैं, जिनमें से प्री स्कूल शिक्षा एक सेवा है। देश भर में इस योजना अधीन 28 लाख आंगनबाड़ी केंद्र और पंजाब में 27 हजार केंद्र चलाए जा रहे हैं। इन सैंटरों में बच्चों को वर्करों द्वारा प्री स्कू ल शिक्षा 42 सालों से ही दी जा रही है परन्तु इस माह पंजाब सरकार और शिक्षा विभाग ने 14 नवम्बर को बाल दिवस वाले दिन सभी प्राइमरी स्कूलों में बिना कोई नोटीफिकेशन जारी किए प्री नर्सरी कक्षाएं शुरू करवा दीं और आंगनबाड़ी सैंटरों में आने वाले 3 से 5 साल तक के करीब डेढ़ लाख बच्चों को बिना किसी प्रबंधों से दाखिल कर लिया। इसी बात से राज्य भर की वर्करों व हैल्परों में रोष पाया जा रहा है।

उनका कहना है कि जब हम प्री स्कू ल शिक्षा दे रही हैं तो अब स्कूलों में कक्षाएं शुरू करने का क्या तर्क है, बल्कि चाहिए तो यह था कि सरकार आंगनबाड़ी सैंटरों में ही बच्चों के लिए किताबें, वॢदयां, खिलौने और फर्नीचर आदि का प्रबंध करती। अब स्थिति यह है कि सैंटरों में से बच्चे स्कूलों वाले ले गए हैं और वर्कर व हैल्पर सरकार के फैसले खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। 

आंगनबाड़ी वर्कर्स मनप्रीत बादल के कार्यालय का घेराव करने के लिए हुईं 
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू द्वारा 22 नवम्बर से शुरू की भूख हड़ताल के तहत आज आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स जिलाध्यक्ष अमृतपाल कौर चहल की अध्यक्षता में बठिंडा में मनप्रीत सिंह बादल के कार्यालय का घेराव करने के लिए गिद्दड़बाहा से काले दुपट्टे लेकर रवाना हुईं। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष ने कहा कि कैप्टन सरकार द्वारा बिना योजनाबंदी प्री प्राइमरी के किए फैसले के कारण 54000 परिवारों में रोष है।

पंजाब सरकार के इस अनदेखी वाले रवैए को वर्कर्स व हैल्पर्स किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगी। पंजाब के करीब 3 लाख मासूम बज्जों का बचपन सर्वपक्षीय विकास से वंचित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने रोष जाहिर करते कहा कि एक ओर तो वित्तीय मंत्री व शिक्षा मंत्री बार-बार यह बयान देते हैं कि आंगनबाड़ी मुलाजिमों के रोजगार को कोई खतरा नहीं है व दूसरी ओर लगातार 10 दिनों से अध्यापकों द्वारा प्रचार किया जा रहा है कि आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हो रहे हैं व बच्चों को प्राइमरी स्कूलों में दाखिल करवाया जा रहा है। आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन आई.सी.डी.एस. की रक्षा के लिए सदैव ही मैदान में रही है व अब भी लगातार संघर्ष करने के लिए तैयार है। 

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