Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 08:44 AM
पंजाब सरकार ने अमृतसर सर्कल के फूड सप्लाई विभाग में हुए घोटालों के संबंध में जहां कड़ा निर्णय लेते हुए 20 से अधिक लोगों को निलम्बित किया है वहीं इसकी अगली जांच के लिए भी नई नीतियां बनाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा निजी तौर...
अमृतसर(इन्द्रजीत): पंजाब सरकार ने अमृतसर सर्कल के फूड सप्लाई विभाग में हुए घोटालों के संबंध में जहां कड़ा निर्णय लेते हुए 20 से अधिक लोगों को निलम्बित किया है वहीं इसकी अगली जांच के लिए भी नई नीतियां बनाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा निजी तौर पर किए हस्तक्षेप के उपरांत फूड सप्लाई विभाग में कइयों के हाथ-पैर फूलने शुरू हो गए हैं।
पंजाब सरकार द्वारा बादल सरकार के दौरान आटा-दाल स्कीम में गरीबों को 2 रुपए किलो के हिसाब से दी जाने वाली गेहूं के मामले में आज से 2 वर्ष पूर्व फूड सप्लाई विभाग के एक इंस्पैक्टर द्वारा गेहूं के 50 ट्रक चोरी करने और नाटकीय रूप से 3 माह बाद चोरी हुई गेहूं की पूरी खेप बरामद हो जाने से फैले संशय से कई ऐसे लोगों के हौसले बुलंद हो गए थे जो अंदर ही अंदर घोटालेबाजी में सक्रिय रहे थे क्योंकि इस मामले में मात्र एक व्यक्ति पर गाज गिरी व बाकी सभी लोग मामले से बाहर रहे जिसके कारण अगले घोटालों को न्यौता मिला। कुल मिलाकर इस मामले में विभागों की कार्रवाई भी शंका के घेरे में रही।
परिणाम स्वरूप उसके उपरांत भी छुटपुट गेहूं घोटाले होते रहे और रफा-दफा होते रहे। वर्तमान समय में कुछ माह पूर्व करोड़ों रुपए का एक और गेहूं घोटाला हुआ किन्तु तब तक नई सरकार आ चुकी थी जिसने कड़ा रुख अपनाते हुए 20 से अधिक लोगों को सस्पैंड कर दिया और अभी कई और लोगों के भी चार्जशीट होने की संभावना है।
इस संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के कंट्रोलर सरताज सिंह चीमा का कहना है कि विभाग इस मामले में काफी गंभीर है और किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि 2 वर्ष पूर्व हुए 50 ट्रक गेहूं घोटाले में हालांकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन जिन पहलुओं पर विभाग अथवा पुलिस ने ढीली कार्रवाई की है, उनके कारण भी नए सिरे से खंगाले जाएंगे।