Edited By Updated: 22 May, 2017 01:04 PM
पंजाब प्रदेश में व्यापार और औद्योगिक तरक्की में जहां अमृतसर से कहीं अधिक बढ़कर जालंधर और लुधियाना जैसे महानगर हैं वहीं खूबसूरती, सुविधाओं और क्षेत्रीय दृष्टि में राजधानी चंडीगढ़ कहीं आगे बढ़कर है।
अमृतसर (इन्द्रजीत): पंजाब प्रदेश में व्यापार और औद्योगिक तरक्की में जहां अमृतसर से कहीं अधिक बढ़कर जालंधर और लुधियाना जैसे महानगर हैं वहीं खूबसूरती, सुविधाओं और क्षेत्रीय दृष्टि में राजधानी चंडीगढ़ कहीं आगे बढ़कर है। वहीं दूसरी ओर हवाई यात्रियों के लिए पंजाब भर में नंबर-1 पर अमृतसर है और हवाई यात्रियों की पसंद में पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल की अपेक्षा इस शहर के साथ लगते अंतर्राष्ट्रीय गुरु राम दास हवाई अड्डे का कोई जवाब नहीं।
यदि अमृतसर हवाई अड्डे की भव्यता का जिक्र करें तो इसके सामने प्रतिस्पर्धा की नजर से मात्र चंडीगढ़ एयरपोर्ट ही टिकता है, वह भी अमृतसर एयरपोर्ट के समक्ष मात्र 40 प्रतिशत, जबकि भटिंडा और लुधियाना के हवाई अड्डे अमृतसर के सामने नाममात्र को भी नहीं टिकते और जालंधर का एयरपोर्ट अभी अंडर डिवैल्पमैंट है। उधर जम्मू, श्रीनगर तथा हिमाचल के गग्गल और भुंतर हवाई अड्डे भी अमृतसर एयरपोर्ट के सामने बेदम है। इन हवाई अड्डों की समीक्षा के बीच अमृतसर और चंडीगढ़ हवाई अड्डों की समानता करें तो अभी चंडीगढ़ एयरपोर्ट जिसे पंजाब का एक नामी एयरपोर्ट माना जाता है, उसे अमृतसर के स्तर पर आने में अभी 10 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
रनवे का अस्तित्व
अमृतसर एयरपोर्ट कर रनवे तीनों प्रदेशों के हवाई अड्डों से सबसे लम्बा माना जाता है और इसकी लम्बाई 12 हजार फुट है जबकि चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट की लम्बाई 9 हजार फुट है।
कैट-थ्री की सुविधा
अमृतसर हवाई अड्डे पर इसी महीने कैट-थ्री की निर्माणाधीन सुविधा अपने अस्तित्व में आने जा रही है और इस सुविधा के मिलते ही अमृतसर एयरपोर्ट दिल्ली के बाद दूसरा हवाई अड्डा होगा जिसे उत्तरी भारत में यह सुविधा मिल रही है। इस सुविधा के चलते हवाई अड्डे पर किसी भी मौसम में विमान लैंड कर सकेंगे अथवा उड़ान भरेंगे। धुंध इत्यादि के मौसम में अउड़ानों पर कोई असर नहीं होगा। इसमें लगभग 50 करोड़ के करीब खर्च आने का अनुमान है। कैट-थ्री सिस्टम पिछले डेढ़ वर्ष से निर्माणाधीन है।
फ्लाइट ऑप्रेशन में अग्रणी
अन्य हवाई अड्डों में उड़ानों का समय सुबह 8 से 10 बजे तक है जबकि अमृतसर के अंतर्राष्ट्रीय गुरु रामदास हवाई अड्डे पर उड़ानों का क्रम 24 घंटे चलता है।
हाईटैक सुविधाएं
अमृतसर हवाई अड्डे पर जहां यात्रियों के लिए हाईटैक सुविधाएं हैं वहीं उड़ानों के सिस्टम में भी इस हवाई अड्डे की प्रक्रियाएं दिल्ली से कम नहीं। अमृतसर हवाई अड्डे पर शक्तिशाली राडार सिस्टम काम करता है जोकि अन्य हवाई अड्डों में नहीं है। दूसरी ओर विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए इंपोर्टेड लिकर बार मौजूद है जहां से बाहर से आने वाले लोग विदेशी शराब भी खरीद सकते हैं, जबकि दूसरी ओर कम्युनिकेशन सिस्टम भी दूसरे हवाई अड्डों की अपेक्षा अधिक मजबूत है।
रनवे की मजबूती
अमृतसर हवाई अड्डे की रनवे की मजबूती दिल्ली हवाई अड्डे के समान ही है। आम तौर पर एयरपोर्ट के रनवे की दृढ़ता इस हवाई अड्डे पर बड़े से बड़े विमान को लैंङ्क्षडग दे सकती है। हवाई अड्डे के सूत्रों का कहना है कि अमृतसर एयरपोर्ट के रनवे की दृढ़ता का मापदंड 81 पी.सी.एन. है जबकि अन्य हवाई अड्डे इससे कहीं पीछे हैं। इस मजबूत रनवे के कारण अमृतसर हवाई अड्डे पर 747 जैसे बोइंग विमान सुविधा पूर्ण लैंङ्क्षडग कर सकते हैं जो आम विमान से कहीं अधिक बड़े और भारी होते हैं जबकि चंडीगढ़ जैसे आधुनिक हवाई अड्डे पर भी 747 विमान की लैंङ्क्षडग की क्षमता नहीं है।
कार्गो सिस्टम
अमृतसर एयरपोर्ट पर स्वतंत्र कार्गो सुविधा है और इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ और बड़े शैड बनाए गए हैं। इसकी निर्माणाधीन इमारतों में बड़ी संख्या में कार्गो अधिकारी काम करते हैं जिसके कारण अमृतसर के अतिरिक्त इसके साथ लगते क्षेत्रों के व्यापारियों को भी लाभ होता है। हवाई अड्डे का यह कार्गो सिस्टम सामरिक दृष्टि से अमृतसर को मजबूत बनाता है।
सी.आई.एस.एफ. की मजबूत व्यवस्था
अमृतसर हवाई अड्डे पर सी.आई.एस.एफ. के जवानों की मजबूत व्यवस्था है जोकि सेना की तरह ही सक्षम और कुशल हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे जवान भी हैं जो मार्शल आर्ट्स, कमांडों व रैसलर भी हैं। अमृतसर हवाई अड्डे के सी.आई.एस.एफ. के जवानों की कुशलता पूरे देश में सबसे उत्तम है। इन जवानों की संख्या 500 से अधिक है जो एयरपोर्ट को आंतरिक और बाहरी तौर पर सुरक्षित रखते हैं। पूरे प्रदेश में चाहे कहीं भी किसी समय कोई घटना हो जाए किन्तु एयरपोर्ट के निकट कभी परिंदा भी पर नहीं मार सकता और न ही एयरपोर्ट को पुलिस सुरक्षा आवश्यकता होती है।
ए.टी.सी. के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पर निजी स्टाफ
अमृतसर हवाई अड्डे पर एयर टै्रफिक कंट्रोल के लिए अपना ट्रेंड स्टाफ है जो आवागमन के लिए उड़ानों को सेना की तरह ही सुचारू ढंग से चलाने में सक्षम है जबकि अन्य हवाई अड्डों पर ए.टी.सी. सिस्टम के लिए एयरफोर्स की मदद ली जाती है।