Edited By Updated: 05 Dec, 2016 09:31 AM
हार्ट ऑफ एशिया’ के 2 दिन के सम्मेलन के बाद अफगानिस्तान के डिप्टी विदेश मंत्री हिकमत खालिद कारजेई व भारत के वित्त मंत्री अरुण जेतली ने संयुक्त तौर पर हार्ट ऑफ एशिया का ‘अमृतसर ऐलाननामा’ जारी किया।
अमृतसर (पुरी): ‘हार्ट ऑफ एशिया’ के 2 दिन के सम्मेलन के बाद अफगानिस्तान के डिप्टी विदेश मंत्री हिकमत खालिद कारजेई व भारत के वित्त मंत्री अरुण जेतली ने संयुक्त तौर पर हार्ट ऑफ एशिया का ‘अमृतसर ऐलाननामा’ जारी किया। दोनों नेताओं ने प्रैस कान्फ्रैंस दौरान कहा कि अमृतसर में हुए हार्ट ऑफ एशिया कांफ्रैंस ने पूरे क्षेत्र के लिए अच्छी आशाओं के साथ विदा ली है।
जेतली ने कहा कि 2 दिवसीय उक्त कांफ्रैंस के सभी सदस्य देशों, सहयोगी देशों व हिमायती देशों ने एकस्वर में आतंकवाद को खत्म करने का आह्वान किया है व इसके लिए सभी ने समस्त देशों को लामबंद होने की भी बात कही है। कांफ्रैंस में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुख तौर पर उभरा है। अफगानिस्तान ही नहीं, बल्कि भारत के अलावा और भी इससे पीड़ित हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के डिप्टी विदेश मंत्री हिकमत खालिद कारजेई व अफगानिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा बताए गए सुझावों का हवाला देते कहा कि अफगानिस्तान के विकास के लिए हार्ट ऑफ एशिया के सभी मैंबर तैयार हैं, जिसका आज दोनों देशों के नेताओं ने संयुक्त तौर पर उद्घाटन किया व अफगानिस्तान की बेहतरी व आतंकवाद को खत्म करने पर जोर दिया।
उन्होंने कांफ्रैंस के निचोड़ ‘अमृतसर ऐलाननामा’ के बारे बताते कहा कि सभी हार्ट ऑफ एशिया देशों, सहायक देशों व संगठनों ने इकट्ठे होकर आतंकवाद को खत्म करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उक्त कांफ्रैंस में मुख्य 3 बिंदु उभर कर आए हैं, जिसमें आतंकवाद को खत्म करना, अफगानिस्तान की सुरक्षा के अलावा आर्थिक तौर पर मजबूती के लिए जरूरी प्रक्रिया पर ध्यान देना है। उन्होंने बताया कि ऐलाननामा यह सत्यापित करता है कि आतंकवाद शांति व स्थिरता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है व इसके हर तरह के रूप को खत्म करना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहली बार है कि हार्ट ऑफ एशिया ऐलाननामे में अफगानिस्तान में आतंकवाद फैलाने लिए आतंकवादी संगठन अलकायदा, लश्कर-ए-तोयबा व जैश-ए-मोहम्मद को मुख्य कारण बताया है। अफगानिस्तान के विकास लिए भारत, ईरान व अफगानिस्तान को मिल कर चारबाह बंदरगाह को विकसित करने के लिए समझौता करना चाहिए, इसके साथ ही उन्होंने अजरबैजान देश को 7वीं हार्ट ऑफ एशिया इस्ताम्बुल प्रोसैस के लिए मेजबानी करने का स्वागत किया।
इसके बाद डिप्टी विदेश मंत्री कारजेई ने भारत सरकार व खास कर अमृतसर में मिली मेहमाननवाजी का धन्यवाद करते कहा कि अफगानिस्तान व भारत की सांझ व दोस्ती मजबूत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुओं की इस धरती पर आकर वह खुशी महसूस कर रहे हैं।