Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 10:36 AM
पंजाब के विभिन्न जिलों में डेंगू और स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन हो रही बढ़ौतरी के बावजूद जिला अमृतसर में स्वाइन फ्लू के एक संदिग्ध मामले के अतिरिक्त अभी एक भी मामला ऐसा सामने नहीं आया है।
अमृतसर(ममता): पंजाब के विभिन्न जिलों में डेंगू और स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में दिन-प्रतिदिन हो रही बढ़ौतरी के बावजूद जिला अमृतसर में स्वाइन फ्लू के एक संदिग्ध मामले के अतिरिक्त अभी एक भी मामला ऐसा सामने नहीं आया है। इस कारण सिविल अस्पताल में स्थित आइसोलेशन और स्वाइन फ्लू वार्ड खाली या बंद पड़े हुए हैं और अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भी पूरी तैयारी के दावे किए जा रहे हैं।
लैब के बाहर मरीजों का तांता
मौसम के बदलाव के चलते वायरल और खांसी जुकाम से पीड़ित मरीजों द्वारा डेंगू, बुखार और अन्य बीमारियों के टैस्ट करवाए जा रहे हैं, जिसके लिए मरीज से सुबह से ही सैंपल ले लिए जाते हैं और रिपोर्ट के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। सिविल अस्पताल में कुछ लोग अपने बच्चों सहित अपनी बारी के इंतजार में देखे गए गए, वे बच्चों को जमीन पर फर्श पर सुलाने के लिए भी मजबूर दिखे। उधर, जानकारी के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल की लैब में अभी तक स्वाइन फ्लू के 23 सैंपल और डेंगू के 30 सैंपल परीक्षण के लिए आए, लेकिन कोई भी पॉजीटिव नहीं निकला।
मरीजों की जानकारी न देने वाले निजी अस्पतालों के लाइसैंस रद्द करने की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में एक भी मरीज ऐसा न आने के चलते अब निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं कि वे इस तरह के किसी भी केस की जानकारी उन्हें तुरंत प्रदान करें। विभाग की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि वहां आने वाले हर डेंगू व स्वाइन फ्लू के मरीज की जानकारी देनी जरूरी है व ऐसा न करने पर उक्त अस्पताल का लाइसैंस रद्द करके उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त डेंगू और स्वाइन फ्लू का टैस्ट निर्धारित से अधिक मूल्य पर करने के लिए निजी लैब्स को चेतावनी दी गई है कि उनकी रजिस्ट्रेशन रद्द की जाएगी।
मरीज कोई नहीं, पर दिखी सफाई अव्यवस्था
पंजाब केसरी की टीम ने जब सिविल अस्पताल का दौरा किया तो वहां पर आइसोलेशन वार्ड के बाहर ताला देखने को मिला, जबकि स्वाइन फ्लू एवं डेंगू संबंधी 10-10 बैड की वार्ड खाली पड़ी थीं। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना था कि अभी तक एक भी केस पॉजीटिव नहीं आया, जबकि गत वर्ष डेंगू के लगभग 1358 मामले सामने आए थे।
इनमें से कइयों की मौत भी हो गई, जबकि इस बार अभी तक कोई भी ऐसा मामला सामने नहीं आया। इसी तरह निजी अस्पतालों में भी ऐसे किसी मरीज की सूचना विभाग के पास नहीं पहुंची है। दूसरी तरफ गुरु नानक देव अस्पताल में स्वाइन फ्लू एक तरनतारन का संदिग्ध मरीज दाखिल है, जिसकी पुष्टि टैस्ट रिपोर्ट के बाद ही होगी।
गुरु नानक देव अस्पताल में चाहे डेंगू और स्वाइन फ्लू संबंधी वार्ड खाली हैं, लेकिन वहां सफाई अव्यवस्था पहले की तरह ही बरकरार है। स्वाइन फ्लू वार्ड के बाहर ही वाश बेसिन पर झाड़ू और पोंछे देखने को मिले, जबकि इस तरह के संक्रमण फैलाने वाले रोग में सफाई रखने की विशेष चेतावनी दी जाती है।