Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 04:48 PM
प्रेमी राजमिस्त्री संग मिल कर देवर की ही 13 वर्षीय नाबालिग बेटी का अपहरण कर उसके यौन शोषण तथा हत्या के मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज एस.एस. धालीवाल की अदालत ने मृतक लड़की की ताई तथा उसके प्रेमी को आजीवन कारावास के साथ-साथ अलग-अलग...
अमृतसर (महेन्द्र): प्रेमी राजमिस्त्री संग मिल कर देवर की ही 13 वर्षीय नाबालिग बेटी का अपहरण कर उसके यौन शोषण तथा हत्या के मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज एस.एस. धालीवाल की अदालत ने मृतक लड़की की ताई तथा उसके प्रेमी को आजीवन कारावास के साथ-साथ अलग-अलग जुर्मों में कुल 35-35 हजार रुपए जुर्माना किए जाने की भी सजा सुनाई है। अदालत ने सुनाए अपने फैसले में दोनों अभियुक्तों को भा.दं.सं. की धारा-363 में 7-7 वर्ष की कैद, 5-5 हजार रुपए जुर्माना, 366 में 10-10 वर्ष की कैद और 10-10 हजार रुपए जुर्माना, 302 में उम्रकैद और 20-20 हजार रुपए जुर्माना तथा 376-ए (यौन-शोषण व हत्या) के आरोप के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी मामले में अदालत मृतक नाबालिगा की चचेरी बहन रीटा को पहले से ही भगौड़ा घोषित कर चुकी है।
अवैध संबंधों से रोकने पर देवर की लड़की का किया था अपहरण
स्थानीय तहसील अजनाला के गांव महिलां वाला निवासी हरजीत सिंह पुत्र जोगिन्द्र सिंह ने वार्ड नंबर 8, राजासांसी निवासी गुरनाम सिंह उर्फ काला पुत्र कश्मीर सिंह, गांव महिलां वाला निवासी अपनी सगी भाभी परमजीत कौर पत्नी गुरमीत सिंह तथा अपनी सगी भतीजी रीटा पुत्री गुरमीत सिंह के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 363/366-ए/376/302/120-बी, के तहत स्थानीय अदालत में इस्तगासा दायर किया था। इसमें उसका कहना था कि गुरनाम सिंह पेशे से राजमिस्त्री है जिसने उसके भाई गुरमीत सिंह के मकान का निर्माण किया था। इस दौरान उसने न सिर्फ उसकी भाभी परमजीत कौर बल्कि उसकी बेटी रीटा के साथ भी अवैध संबंध बना लिए थे। करीब 2 महीने चले मकान के निर्माण का कार्य समाप्त होने के बावजूद वह परमजीत कौर से मिलने अक्सर आता था। वह अपनी भाभी को रोकता था, जिस कारण ये सभी उससे रंजिश रखते थे।
शिकायतकत्र्ता का कहना था कि 20-7-2013 को उसकी 13 वर्षीय लड़की, जो 9वीं कक्षा में पढ़ती थी, शाम को करीब 4 बजे उसके भाई जोगिन्द्र के घर जो उसके पड़ोस में ही था, में पानी की मोटर चलाने के लिए गई, लेकिन वापस घर नहीं लौटी। उसे पूरा यकीन था कि उसकी भाभी परमजीत कौर ने अपनी बेटी रीटा तथा अपने प्रेमी राजमिस्त्री गुरनाम सिंह के साथ मिल कर उसका अपहरण कर लिया है। इस शिकायत पर थाना अजनाला ने इनके खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज किया था।
2 दिन बाद मामले में आया नया मोड़, बताया गया हादसा
शिकायकत्र्ता ने दायर इस्तगासे में बताया कि 2 दिनों के बाद 22-7-2013 को उन्हें पता चला कि उसकी बेटी स्थानीय गुरु राम दास अस्पताल में उपचाराधीन है। वहां पहुंचने पर बताया गया कि किसी हादसे में उसकी बेटी घायल हो गई थी। वहां उसकी बेटी की मौत हो गई थी। इस पर संबंधित पुलिस थाने में पुलिस ने भा.दं.सं. की धारा-304-ए, के तहत सड़क हादसे का मुकद्दमा दर्ज कर दिया था। दूसरी तरफ थाना अजनाला की पुलिस ने उसकी बेटी का अपहरण होने के मामले को खारिज कर दिया था।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में यौन शोषण व हत्या की बात आई सामने
हालांकि पुलिस ने सड़क हादसा बताते हुए हादसे का मामला दर्ज कर रखा था, लेकिन मृतक लड़की के पोस्टमार्टम की जब रिपोर्ट आई तो उस में इसे हादसा नहीं बल्कि हत्या का मामला बताया गया था। साथ ही रिपोर्ट में नाबालिगा की हत्या से पहले उसका यौन शोषण भी किए जाने की पुष्टि हुई थी, लेकिन पुलिस ने मृतक लड़की की मैडीकल रिपोर्ट को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए आरोपियों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई करना उचित नहीं समझा।
पुलिस की अनदेखी के कारण दायर किया गया था इस्तगासा
थाना अजनाला की पुलिस द्वारा सारे तथ्यों का अनदेखा कर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न किए जाने के कारण मृतक नाबालिगा के पिता हरजीत सिंह ने अपने कौंसिल डी.एस. गिल के जरिए तीनों आरोपियों के खिलाफ यह इस्तगासा दायर किया था। उसके द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर चाहे पुलिस ने पूरी तरह से अनदेखा ही किया था, लेकिन अदालत ने शिकायतकत्र्ता के कौंसिल डी.एस. गिल का पक्ष सुनने के पश्चात आरोपों को सही मानते हुए अपना यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
सजा के तहत दोनों को अब सारी जिंदगी बितानी होगी जेल में
हालांकि अदालत ने अलग-अलग जुर्म में 7 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई है, लेकिन भा.दं.सं. की धारा 376-ए के तहत अदालत ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है। इसके तहत अब मृतक नाबालिगा की ताई परमजीत कौर तथा उसके कथित प्रेमी राजमिस्त्री गुरनाम सिंह उर्फ काला दोनों को अपनी सारी जिंदगी जेल में ही काटनी होगी।