Edited By Updated: 24 Mar, 2017 08:59 AM
राज्य में पूर्व अकाली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए 31000 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले को लेकर अमरेन्द्र सरकार गंभीर है
जालंधर (धवन) : राज्य में पूर्व अकाली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए 31000 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले को लेकर अमरेन्द्र सरकार गंभीर है तथा उसने केन्द्र से इस संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। सरकारी हलकों से पता चला है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने कल दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली से मुलाकात के दौरान 31000 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले का मामला भी उठाया था।
उन्होंने केन्द्र से कहा कि वह इस बात का पता लगाएं कि खाद्यान्न स्टॉक से 31000 करोड़ का अनाज आखिर कहां चला गया। विपक्ष में रहते हुए सबसे पहले यह मामला पूर्व सी.एल.पी. नेता सुनील जाखड़ ने कैप्टन के कहने पर उठाया था। तब से लेकर इस मामले को कैप्टन बार-बार चुनावों के दौरान भी उठाते रहे। पंजाब सरकार यह जानना चाहती है कि आखिर 31000 करोड़ रुपए का बोझ राज्य सरकार पर क्यों डाला जा रहा है? अगर गोदामों से अनाज गायब हुआ है तो पता लगाना जरूरी है कि आखिर यह कहां गया। कैप्टन लगातार पंजाब पर बढ़ते कर्जों का मामला उठा रहे हैं। इसीलिए राज्य सरकार जल्द ही विधानसभा में श्वेतपत्र भी जारी करने जा रही है, जिसमें पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा पिछले 10 वर्षों में पंजाब पर चढ़ाए गए कर्जों का उल्लेख किया जाएगा।
पंजाब पर इस समय 1.75 लाख करोड़ रुपए का कर्जा चढ़ा हुआ है, जिसमें 31000 करोड़ रुपए की राशि को भी शामिल किया गया है, जोकि खाद्यान्न घोटाले से जुड़ी हुई है। राज्य सरकार ने यह तर्क दिया है कि उक्त 31000 करोड़ रुपए का पंजाब सरकार पर बोझ डालने से पहले उसे यह बताया जाए कि आखिर यह राशि कहां डायवर्ट की गई है। यह मामला अभी इतनी जल्दी सुलझने वाला नहीं है। केन्द्र सरकार ने 31000 करोड़ रुपए का बोझ पंजाब पर पिछले समय डाल दिया था। केन्द्र ने तब कहा था कि इस राशि को पंजाब पर चढ़े अन्य कर्जों की राशि में सम्मिलित कर लिया जाए। अभी केन्द्र ने इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी है।