‘देश में अढ़ाई लाख प्रिंटिंग प्रैस, लाखों परिवारों को मिल रहा है रोजगार’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 01:05 PM

all india federation of printers meeting

आॅल इंडिया फैडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर्स (ए.आई.एफ.एम.पी.) की 2 दिवसीय जनरल बैठक एसो. के प्रधान कमल चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई। इसमें मुख्यातिथि पंजाब के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर और विशेषातिथि ‘पंजाब केसरी’ पत्र समूह के मुख्य संपादक श्री विजय कुमार...

अमृतसर (कक्कड़): आॅल इंडिया फैडरेशन ऑफ मास्टर प्रिंटर्स (ए.आई.एफ.एम.पी.) की 2 दिवसीय जनरल बैठक एसो. के प्रधान कमल चोपड़ा की अध्यक्षता में हुई। इसमें मुख्यातिथि पंजाब के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर और विशेषातिथि ‘पंजाब केसरी’ पत्र समूह के मुख्य संपादक श्री विजय कुमार चोपड़ा थे। इस दौरान वी.पी. सिंह बदनौर, श्री विजय कुमार चोपड़ा, कमल चोपड़ा व अन्य पदाधिकारियों ने मिलकर ज्योति प्रज्वलित की। होटल रैडीसन ब्ल्यू में आयोजित बैठक में देश के विभिन्न प्रांतों के महानगरों से आए 300 से ज्यादा सदस्यों के शिष्टमंडल ने भाग लिया ।

इस दौरान मंच का संचालन प्रियंका राठी ने बाखूबी निभाया और (ए.आई.एफ.एम.पी.) कोषाध्यक्ष अरविन्द्र माडीगर ने कहा कि मास्टर प्रिंटर्स के जितने भी सदस्य हैं, उनका पूर्ण सहयोग मिला है, जिसके लिए उन्होंने सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया। वहीं मास्टर प्रिंटर्स की फाइनैंस तथा टैक्स कमेटी के चेयरमैन उदत दोते ने कहा कि इस समय प्रतियोगिता के दौर में सदस्यों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है, लेकिन विगत 1 जुलाई से केन्द्र द्वारा जी.एस.टी. लागू करने के बाद कुछ मुश्किलें सामने आई हैं।

उन्होंने कहा कि मास्टर प्रिंटर्स का इतिहास काफी जद्दोजहद वाला रहा है, प्रिंटर्स मैटीरियल, आधुनिक मशीनरी द्वारा विदेशी प्रिंटर्स के बराबर काम करने में सक्षम हो चुके हैं। भारत के सभी प्रिंटर्स (ए.आई.एफ.एम.पी.) के अध्यक्ष कमल चोपड़ा ने गवर्नर पंजाब वी.पी. सिंह बदनौर, श्री विजय कुमार चोपड़ा और देश के कोने-कोने से आए प्रतिनिधि सदस्यों का धन्यवाद करते कहा कि मास्टर प्रिंटर्स को इस बात का गर्व है कि सभी सदस्य विदेशी व आधुनिक कार्य प्रणाली को अपना रहे हैं, जिसकी प्रिंटर्स को अहम जरूरत है।  बैठक में विभिन्न कार्यकारिणी सदस्यों के सुझाव अहम हैं, जिनको अमलीजामा पहनाने की जरूरत है। मौजूदा समय की डिजीटल प्रक्रिया के अंतर्गत आगे आना होगा, क्योंकि डिजीटल प्रिंटर्स प्रक्रिया विदेशों में भी भारत की ए.आई.एफ.एम.पी. के सम्मान को बढ़ाएगी।

इस बात की बहुत खुशी है कि आज देश के सभी प्रिंटर्स सदस्य डिजीटल प्रक्रिया से जुड़ रहे हैं।इस दौरान पंजाब के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर ने कहा कि आज मुझे इस बात की खुशी है कि वह गुरुओं की विश्व प्रसिद्ध नगरी अमृतसर में ‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ की वार्षिक बैठक में भाग लेने हेतु पहुंचे हैं। उन्होंने प्रिंटर्स एसो. के लिए कुछ सुझाव भी दिए और कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि ‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ विश्व की सबसे बड़ी प्रिंटिंग एसो. है। उन्होंने आशा प्रकट की कि एसो. के सभी सदस्य आधुनिक विधि का प्रयोग कर विश्व में सब से अग्रणी स्थान प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रिंटिंग उद्योग को डिजीटल के साथ जोडऩा जरूरी है। इस दौरान ‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ की ओर से जी.एस.टी. विषय पर ज्ञापन गवर्नर पंजाब को दिया गया।PunjabKesariउन्होंने कहा कि वह उसे केन्द्र सरकार के समक्ष रखेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रिंट एसो. की तीन महान हस्तियों को सम्मानित किया, वहीं ‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ की ओर से प्रदेश के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर की विश्व में पहली बार प्रकाशित होने वाली गीता उपहार स्वरूप भेंट की गई। इस दौरान श्री विजय कुमार चोपड़ा ने राज्य के गवर्नर वी.पी. सिंह बदनौर, कमल चोपड़ा व देश के अनेक महानगरों से आए सदस्यों का स्वागत किया और कहा कि मुझे इस बैठक में आकर बहुत खुशी हुई है, क्योंकि आज सारा भारत अमृतसर में हो रही उक्त बैठक में मौजूद है।

‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ की बैठक पहले दिल्ली, चेन्नई, कलकत्ता व मुंबई आदि शहरों में ही होती थी, आज पंजाब में इसकी 7वीं बैठक है। प्रदेश के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर का समय पर पहुंचने पर मैं आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि देश में अढ़ाई लाख प्रिंटिंग प्रैस हैं, जिनमें लगभग 25 लाख लोग काम करते हैं, प्रिंटिंग प्रैस से 25 लाख वर्करों को नहीं, बल्कि 25 लाख परिवारों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी छोटी आयु में प्रैस का काम शुरू कर दिया था और 1967 में आधुनिक प्रिंटिंग मशीनरी ली और पिता जी ने मुझे इसकी टे्रङ्क्षनग के लिए जर्मनी जाने के लिए कहा। मैंने जर्मनी में कुछ माह अलग-अलग पहलुओं पर ट्रेङ्क्षनग ली, उस ट्रेङ्क्षनग से बहुत-कुछ सीखने को मिला। मुझे आज इस बात की खुशी है कि आज भारत में भी आधुनिक प्रिंटिंग मशीनों का निर्माण हो रहा है, अच्छा कागज बन रहा है, इंक बन रही है, प्लेटें बन रही हैं, यह सब मास्टर प्रिंटर्स के सदस्यों की मेहनत परिणाम है। इस विषय पर देश के  प्रिंटर्स उद्योग को सरकार से कोई सहायता नहीं मिली और न ही सरकार से कोई उम्मीद है।प्रिंटर्स सदस्यों की हिम्मत है कि आज ऑफसैट प्रिंटर्स पर काम चल रहा है, कम्प्यूटर क्रांति आई है, जिसके अंतर्गत हम विदेशों में माल भेजने में सफल हुए हैं। 

इस अवसर पर कई शहरों ‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ की टीम के सदस्यों में जालंधर से अश्विनी गुप्ता, ओम प्रकाश महाजन, रजनीश मनोजा, रमन बब्बी, विवेक खन्ना, बलबीर सिंह, जम्मू से पंकज सेठी, नरिन्द्र सिंह, संजीव वर्मा, अरुण गुप्ता, संजय जंडियाल, अमृतसर से हरभजन सिंह, रबजीत सिंह, मनिन्द्र सिंह, अजय सेठ, लोकेश सहगल, निदेश मेहता, दिल्ली से सुनील जैन, अतिन्द्र जैन, राजीव गुप्ता, अरुण बांसल, राजेश सदाना, शिव काशी से पी.चंदर, जी.के. कलाईराजन, के. रजिन्द्रन, वी. रवि, मुंबई से देव नायर, मेहुल देसाई, प्रकाश कैसर, मीनू डाबर, कुलदीप सिंह गौरी, बड़ौदा से दिगनेश, जगताप, कानपुर से अवधेश अवस्थी, डी.एन. मेहरोत्रा, गोबिंद भार्गव आदि उपस्थित थे। 

इस दौरान जालंधर एसो. के महासचिव अश्विनी गुप्ता ने उक्त मीटिंग में आने वाले सभी सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस मीटिंग में जो भी निर्णय और निकट भविष्य की चुनौतियों संबंधी फैसले हुए हैं उनसे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा और ‘ए.आई.एफ.एम.पी.’ के समूह सदस्य डिजीटल प्रिंटर्स के अंतर्गत जो भी नए प्रिंटिंग मैटीरियल का प्रयोग कर नए प्रोडक्ट तैयार कर रहे हैं, वह अति प्रशंसनीय कार्य है। निकट भविष्य में भी डिजीटल प्रक्रिया समूह सदस्यों के लिए हर पहलू से अच्छी साबित होगी।

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