Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 10:56 AM
पंजाब भर में आबकारी कानून के अनुसार भले ही सभी गांवों में शराब के ठेके सरकारी व निजी स्कूलों से 100 मीटर दूर जबकि शहरी क्षेत्रों में स्कूलों से 50 मीटर दूर तक न खोलने के लिए ठेकेदारों को सरकार की तरफ से हिदायतें दी हुई हैं।
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): पंजाब भर में आबकारी कानून के अनुसार भले ही सभी गांवों में शराब के ठेके सरकारी व निजी स्कूलों से 100 मीटर दूर जबकि शहरी क्षेत्रों में स्कूलों से 50 मीटर दूर तक न खोलने के लिए ठेकेदारों को सरकार की तरफ से हिदायतें दी हुई हैं। इसी तरह गांवों में धार्मिक स्थानों से भी 100 मीटर की दूरी पर जबकि शहरों में 50 मीटर की दूरी तक शराब के ठेके न खोलने के लिए कहा गया है। परन्तु कई स्थानों पर शराब के ठेके सरकारी स्कूलों, गुरुद्वारों व अन्य धार्मिक स्थानों के नजदीक खोल कर सरेआम आबकारी कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।
भले स्कूलों के अध्यापकों, अभिभावकों व गांवों की पंचायतों द्वारा भी प्रस्ताव पारित कर संबंधित विभाग तथा जिला प्रशासन को दिए हुए हैं परन्तु फिर भी शराब के ये ठेके स्कूलों के नजदीक से नहीं उठवाए गए। ‘पंजाब केसरी’ द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के अनुसार जिला श्री मुक्तसर साहिब के अधीन पड़ते गांव रहूडिय़ांवाली में गांव के बस स्टैंड के बिल्कुल नजदीक सरकारी हाई स्कूल है तथा इस स्कूल के सामने ही शराब का ठेका है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ग्रुप के ब्लाक सचिव सुखराज सिंह रहूडिय़ांवाली के नेतृत्व में गांव निवासियों ने ठेके के समक्ष धरना लगाकर प्रर्दशन भी किया था। स्कूल के प्रिंसीपल सुखविन्द्र सिंह ने बताया कि शराब का यह ठेका उठवाने के लिए स्कूल की तरफ से भी लिख कर दिया हुआ है जबकि गांव के सरपंच मैंगल सिंह द्वारा भी पंचायत को प्रस्ताव पारित कर भेजा हुआ है परन्तु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसी तरह गांव भागसर के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल लड़कों के नजदीक रहूडिय़ांवाली को जाने वाली सड़क पर शराब के ठेके की ब्रांच खुली हुई है। गांव संगूधौण के सरकारी स्कूल नजदीक ही शराब का ठेका चल रहा है। गांव खुन्नण खुर्द के सरकारी स्कूल के नजदीक शराब का ठेका खुला हुआ है जबकि कई अन्य स्थानों पर शराब के ठेके शैक्षणिक संस्थाओं के निकट खुले हुए हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां बस अड्डों के नजदीक शराब के ठेके चल रहे हैं तथा इन बस अड्डों से महिलाएं व स्कूलों, कालेजों में जाने वाली लड़कियां भी बसों में जाती हैं परन्तु शराबियों के वहां खड़े होने के कारण उनको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वहीं शराब के ठेकों का खुलने का समय भले ही प्रात: 9 से रात्रि 11 बजे तक है परन्तु इस के बावजूद भी ठेकों से शराब गांवों व शहरों में मिलती रहती है तथा शराब के ठेके दिन निकलते ही खुल जाते हैं। गांव भागसर में जब प्रात: 7 बजे खुले शराब के ठेके पर जाकर वहां मौजूद कर्मचारी के साथ बात की गई तो उसने कहा कि हमें तो खाना भी यहीं बनाना होता जबकि नहाना भी यहीं होता है जिस कारण ठेका खोलना हमारी मजबूरी है। उन्होंने कहा कि सभी गांवों में ही ठेके सुबह समय पर खुले होते हैं।