Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Nov, 2017 09:40 PM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब के सांसदों की बुलाई गई बैठक को पहले बार-बार टालने और अब खुद बैठक में न आने से भड़के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसदों ने बैठक का बायकाट करने का ऐलान किया है। उक्त जानकारी सांसद प्रो. प्रेम सिंह...
पटियाला(बलजिन्द्र): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब के सांसदों की बुलाई गई बैठक को पहले बार-बार टालने और अब खुद बैठक में न आने से भड़के शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसदों ने बैठक का बायकाट करने का ऐलान किया है। उक्त जानकारी सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने दी।
उन्होंने मुख्यमंत्री के इस रवैये को पंजाब मसलों बारे गैर-संजीदगी करार दिया। प्रो. चंदूमाजरा ने यहां प्रैस कान्फ्रैंस में कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से पहले 5 बार इस बैठक को टाल दिया गया और अब बैठक रख कर खुद नहीं आ रहे और कैबिनेट मंत्री को बैठक की अध्यक्षता करने के लिए भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सांसद के पद की गरिमा का ध्यान नहीं रख रहे। एक कैबिनेट मंत्री के साथ तो वह संबंधित विभाग की बात कर सकते हैं परंतु यहां तो प्रदेश के हितों की बात है जिनके बारे पुष्टि सिर्फ मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि जहां तक प्रदेश के हितों की बात है तो बहुत सी बातें मुख्यमंत्री से पूछने वाली थीं जैसे कि स्वदेश जागरण स्कीम के अंतर्गत पंजाब में टूरिज्म कल्चर को प्रफुल्लित करने के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे जिनमें से 40 करोड़ रुपए आनंदपुर साहिब में बने विरासत-ए-खालसा के साथ लगती झील को विकसित करने के लिए, 15 करोड़ रुपए रोपड़ के हैडवक्र्स को टूरिज्म में विकसित करने के लिए, 40 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं।
इसकी आखिरी बैठक अकाली-भाजपा सरकार के समय हुई। इसके बाद इस मामले पर कोई पैरवी न होने से सारा प्रोजैक्ट वहीं खड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री को भी पड़ोसी प्रदेश में शराब सस्ती होने की ङ्क्षचता तो है परंतु पड़ोसी प्रदेशों की तर्ज पर डीजल और पैट्रोल पर वैट घटाए जाने बारे वित्त मंत्री को कभी ध्यान नहीं आया।