PTU महाघोटाला: भाजपा ही नहीं, कई अकाली नेता भी फंस सकते हैं करोड़ों के लेन-देन में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Jan, 2018 03:28 AM

विजीलैंस ब्यूरो ने सोमवार को अमृतसर में छापामारी कर पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी में करोड़ों रुपए के महाघोटाले के केस में यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति डॉ. रजनीश अरोड़ा को गिरफ्तार किया है। सोमवार को ही विजीलैंस ने डॉ. अरोड़ा को कपूरथला की अदालत में...

जालंधर(राकेश बहल, सोमनाथ कैंथ): विजीलैंस ब्यूरो ने सोमवार को अमृतसर में छापामारी कर पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी में करोड़ों रुपए के महाघोटाले के केस में यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति डॉ. रजनीश अरोड़ा को गिरफ्तार किया है। सोमवार को ही विजीलैंस ने डॉ. अरोड़ा को कपूरथला की अदालत में पेश कर 4 दिन का पुलिस रिमांड हासिल कर लिया है। डॉ. अरोड़ा से पूछताछ का मंगलवार को पहला दिन था। 

वैसे तो इस महाघोटाले का शोर 5 साल पहले ही मचना शुरू हो गया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल डॉ. रजनीश अरोड़ा को एक्सटैंशन देने के हक में नहीं थे लेकिन फिर भी किसी न किसी तरीके से डॉ. अरोड़ा एक्सटैंशन भी ले गए और मामला भी दबता गया। 2017 में पंजाब में सत्ता बदलने के साथ ही इस महाघोटाले को बेपर्दा करनी की योजना बन गई। अंदरखाते पड़ताल के बाद मई 2017 को पी.टी.यू. के कार्यकारी उप कुलपति के.एस. पन्नू ने शिअद-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान यूनिवर्सिटी में हुई अनियमितताओं की जांच के आदेश दे दिए। 8 महीने चली जांच के बाद विजीलैंस ब्यूरो ने यूनिवर्सिटी के पूर्व उप कुलपति डॉ. अरोड़ा सहित 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।  आरोपियों में होशियारपुर के एक पूर्व मंत्री की बेटी का नाम  भी शामिल है। 

कै. अमरेन्द्र सिंह की अकाली दल को अप्रत्यक्ष चेतावनी
पी.टी.यू. में हुए महाघोटाले में भाजपा नेताओं के साथ-साथ अकाली दल के कुछ बड़े नेताओं के भी फंसने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस महाघोटाले को लेकर मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने बड़ा दाव खेला है। इसमें उनके दोनों बड़े विरोधी दल नप सकते हैं। अभी तो इस घोटाले की यह पहली परत खुली है। इस महाघोटाले का खुलासा कर कै. अमरेन्द्र सिंह ने अकाली दल को ये अप्रत्यक्ष रूप में चेतावनी दे दी है कि आने वाले दिनों में उनका नंबर भी लग सकता है। पी.टी.यू. प्रशासन पर आर.एस.एस. और भाजपा का कब्जा रहा है। सूत्रों का कहना है पी.टी.यू. के पास 1000 करोड़ रुपए का फंड था। इसमें करोड़ों रुपए का फंड लेकर बङ्क्षठडा में महाराजा रणजीत सिंह टैक्निकल यूनिवर्सिटी खोली गई है। यह फंड इसके लिए वहां दे दिया था। इसका भाजपा ने विरोध किया था। सूत्रों का कहना है कि मालवा में कुछ अकाली नेताओं से महंगे रेट में जमीनें खरीदी गई थीं। इसमें भी करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ है। इसको लेकर अकाली दल के कुछ बड़े नेता भी फंस सकते हैं। 

25 करोड़ से ज्यादा का है ये घोटाला: चन्नी 
बताया जा रहा है कि पी.टी.यू. में हुए महाघोटाले को तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बार-बार मुख्यमंत्री के समक्ष उठाते रहे हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री का कहना है कि यह घोटाला 25 करोड़ से ज्यादा भी जा सकता है। उन्होंने बताया कि अकाली दल-भाजपा शासन के दौरान मालवा में करोड़ों रुपए से जमीन खरीदी गई थी जो बेकार पड़ी है और अब कांग्रेस सरकार उस जमीन को दोबारा बेचने जा रही है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के 2 रिश्तेदार और इसी तरह से एक मंत्री के 2 रिश्तेदार लिप्त हैं। इसके साथ-साथ आर.एस.एस. के एक बड़े नेता का भी इसमें नाम आ सकता है। चन्नी ने कहा कि उन्हें कई लोगों ने यह मामला दबाने की सिफारिश की थी लेकिन उन्होंने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखा। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने शिक्षा का बेड़ा गर्क कर रखा था। नियुक्तियों के साथ-साथ इवैलुएशन में भी बड़े घोटाले हुए हैं, जिसकी जांच की जानी है। कई बड़े शिकार सामने आने की उम्मीद है।

डा. अरोड़ा के घर पर विजीलैंस की 2 बार दबिश, खाली हाथ लौटी
पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर रजनीश अरोड़ा के घर पर मंगलवार को विजीलैंस की टीम ने दबिश दी। सर्च वारंट न होने के कारण कुछ देर इंतजार करने के बाद विजीलैंस टीम एक बार बैरंग वापस लौट गई जिसके उपरांत सायं 5 बजे के करीब एक बार फिर से टीम वारंट लेकर आई और रणजीत एवेन्यू डी-ब्लाक स्थित वाइस चांसलर के घर की सूक्ष्मता से जांच की। जांच दौरान विजीलैंस के हाथ कुछ भी नहीं लगा और दूसरी बार भी उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।

जल्द किए जाएंगे अहम खुलासे: ढिल्लों 
विजीलैंस ब्यूरो जालंधर के एस.एस.पी. डी.एस. ढिल्लों का कहना है कि मंगलवार को उनकी टीम जांच के लिए पूर्व उप-कुलपति रजनीश अरोड़ा के घर पर गई थी मगर सर्च के दौरान केस से संबंधित टीम को वहां से कुछ नहीं मिला। घर की अच्छे से जांच की गई है और रिमांड के दौरान पूर्व वी.सी. रजनीश अरोड़ा से भी पूछताछ चल रही है। आने वाले समय में जल्द इस केस में अहम खुलासे किए जाएंगे। किसी तकनीकी खराबी के कारण सर्च वारंट हासिल नहीं हो सका जबकि वारंट मिलने पर भेजी गई टीम द्वारा घर की जांच की गई। 

रजनीश अरोड़ा एक ईमानदार व्यक्ति: अनिल जोशी  
पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी का कहना था कि उन्होंने विजीलैंस ब्यूरो की टीम के साथ पूरा सहयोग किया और उन्हें कहा गया था कि वे जिस चीज की भी जांच करना चाहते हैं, कर सकते है। सर्च वारंट न होने के कारण टीम वापस लौट गई थी मगर जब वारंट के साथ टीम दोबारा आई तो उनके हाथ कुछ नहीं लगा। रजनीश अरोड़ा एक ईमानदार व्यक्ति हैं जो पिछले कई वर्षों से संघ की सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने अपने जीवन का गोल्डन पीरियड पत्नी के साथ जंगलों में रहकर एक झोपड़ी में सोकर गरीबों की सेवा में गुजारा और बच्चों को शिक्षा दी। समाज का माफिया उन्हें फंसाने का प्रयास कर रहा है। निष्पक्ष जांच के उपरांत दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। 

वी.सी. डा. रजनीश अरोड़ा की गिरफ्तारी आर.एस.एस. को बदनाम करने का षड्यंत्र: मास्टर मोहन लाल
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री पंजाब मास्टर मोहन लाल ने आई.के. गुजराल पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. रजनीश अरोड़ा की गिरफ्तारी को ङ्क्षनदनीय बताया और कहा कि यह गिरफ्तारी बदले की भावना से की गई है तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को बदनाम करने का एक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि टैक्नीकल यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी जिनको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, उसके द्वारा यह चलाई गई घिनौनी चाल है। डा. रजनीश अरोड़ा ने बतौर वाइस चासंलर जो कुछ भी किया, वह यूनिवर्सिटी को अपने पैरों पर खड़े करने का साहसिक प्रयास था। उन्होंने यूनिवर्सिटी को जब छोड़ा तो 500 करोड़ रुपए यूनिवर्सिटी के फंड में जमा था। 

उन्होंने कहा कि डा. रजनीश अरोड़ा बहुत ही साधारण व ईमानदार व्यक्ति हैं, उनको गिरफ्तार करके विजीलैंस राजनीतिक लोगों के हाथों में खेल रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा था कि वह राजनीति में बदले की भावना से काम नहीं करते, परन्तु रजनीश अरोड़ा की गिरफ्तारी से स्पष्ट हो गया है कि कैप्टन ने बदले की भावना से काम करना शुरू कर दिया है। मास्टर मोहन लाल ने कहा कि यह संघ और भाजपा को बदनाम करने में कैप्टन का पहला कदम है। भाजपा इस धक्केशाही के विरुद्ध खड़ी है। 

एक्सटैंशन हाईकोर्ट में चैलेंज होने के बावजूद पद पर टिके रहे उप कुलपति अरोड़ा
2011 में हालांकि डॉ. अरोड़ा को एक्सटैंशन नहीं मिल रही थी लेकिन फिर भी ऊपर तक पहुंच होने के चलते एक्सटैंशन लेकर उप कुलपति अरोड़ा अपने पद पर 3 साल से ज्यादा समय तक टिके रहे थे। इस बीच डॉ. अरोड़ा की एक्सटैंशन को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हो गई थी। हाईकोर्ट में एक्सटैंशन चैलेंज होने के बावजूद डॉ. अरोड़ा अपने पद पर टिके रहे। हालांकि हाईकोर्ट द्वारा एक अपील की सुनवाई करते हुए यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों के दौरान डॉ. अरोड़ा की इन्वॉल्वमैंट पर पाबंदी लगाई गई थी लेकिन फिर भी डॉ. अरोड़ा अपने पद का प्रभाव दिखाते रहे। 

थाना सिटी कपूरथला में गुजारी सोमवार की रात गिरफ्तार पूर्व उप कुलपति ने अपनी चहेती कंपनी को 25 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने तथा नियमों के विपरीत पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी में भर्तियां करने के बहुचर्चित मामले में विजीलैंस ब्यूरो कपूरथला की टीम द्वारा गिरफ्तार पूर्व उप कुलपति डॉ. रजनीश अरोड़ा को जहां रिमांड के दौरान थाना सिटी कपूरथला में बंद किया गया। वहीं इस पूरे घटनाक्रम के दौरान विजीलैंस ब्यूरो की टीम ने यूनिवर्सिटी में पहुंच कर इस महाघोटाले से जुड़ी सभी फाइलों को अपने कब्जे में लेकर जांच तेज कर दी है। अब इन दस्तावेजों को सामने रख कर डॉ. अरोड़ा से पूछताछ की जाएगी।  गिरफ्तारी के बाद डॉ. अरोड़ा ने पहली रात थाना सिटी कपूरथला में गुजारी। विजीलैंस ब्यूरो कपूरथला ने सोमवार की शाम अदालत से डॉ. अरोड़ा का 4 दिन का रिमांड हासिल कर लिया था। इस दौरान पूर्व उप कुलपति से उनके कुछ नजदीकी रिश्तेदारों के अतिरिक्त किसी को भी मिलने नहीं दिया गया। मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे पूर्व उप कुलपति डॉ. रजनीश अरोड़ा को विजीलैंस टीम एक बार फिर डी.एस.पी. विजीलैंस ब्यूरो कर्मवीर सिंह चाहल के नेतृत्व में विजीलैंस कार्यालय लेकर आई। जहां देर शाम फिर से उन्हें थाना सिटी कपूरथला में भेज दिया गया। 

दस्तावेज देखकर दूंगा जवाब: उप कुलपति 
विजीलैंस ब्यूरो कपूरथला की टीम ने मंगलवार की दोपहर पंजाब टैक्रीकल यूनिवॢसटी पहुंच कर इस पूरे घपले व नियुक्तियों से जुड़ी सभी फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया। डी.एस.पी. विजीलैंस कर्मवीर सिंह चाहल के नेतृत्व में पी.टी.यू. पहुंची विजीलैंस टीम के साथ कई तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल थे। बताया जाता है कि मंगलवार को विजीलैंस ब्यूरो ने कई घंटे तक डॉ. रजनीश अरोड़ा से इस महाघोटाले के संबंध में पूछताछ की तो आरोपी पूर्व उप कुलपति ने विजीलैंस ब्यूरो द्वारा कब्जे में लिए गए सभी दस्तावेजों को देख कर जवाब देने की बात कही। अब विजीलैंस ब्यूरो बुधवार से इन दस्तावेजों को सामने रख कर पूर्व वी.सी. से पूछताछ कर सकती है। 

शेष 9 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बनी प्रदेश भर में विशेष टीमें: एस.एस.पी. विजीलैंस 
इस संबंधी जब एस.एस.पी. विजीलैंस दिलजिंद्र सिंह ढिल्लों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि डा. रजनीश अरोड़ा के साथ संबंधित 9 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश भर में विशेष पुलिस टीमें बना दी गई हैं, जोकि सभी 9 आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। ढिल्लों ने बताया कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा व हर हाल में गिरफ्तार किया जाएगा।       

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