Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 09:40 AM
नगर कौंसिल की फरीदकोट-कोटकपूरा रोड पर स्थित करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कुछ व्यक्तियों की तरफ से कब्जा किया गया है।
फरीदकोट (हाली): नगर कौंसिल की फरीदकोट-कोटकपूरा रोड पर स्थित करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कुछ व्यक्तियों की तरफ से कब्जा किया गया है। मंगलवार को एक बार फिर प्रैस कांफ्रैंस करके शिरोमणि अकाली दल के वक्ता और हलके के मुख्य सेवादार परमबंस सिंह बंटी रोमाना ने ऐलान किया कि वह इस मामले को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट लेकर जाएंगे और इस संबंधी पी.आई.एल. दायर करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में वह कांग्रेसी नेताओं के अलावा नगर कौंसिल के अधिकारियों और जगह के अलाटियों को भी पार्टी बनाएंगे। इस मौके पर उनके साथ पूर्व चेयरमैन लखवीर सिंह अराइयांवाला, नवदीप सिंह बब्बू बराड़, मघ्घर सिंह, रमनदीप सिंह जिम्मी भोलूवाला, गुरमीत सिंह संधू, सरबदीप सिंह जिप्सी, बलजिन्द्र सिंह धालीवाल, विजय छाबड़ा, आशु अग्रवाल, विकास विक्की, एडवोकेट आनंदपाल बराड़, अवतार सिंह खोसा, महेश सक्सेना, रघबीर सिंह, बीका रोमाना के अलावा अन्य कई नगर कौंसलर और अकाली नेता मौजूद थे।
बंटी रोमाना ने नगर कौंसिल से इस जगह संबंधी प्राप्त किए कई कागजात दिखाते हुए बताया कि स्वतंत्रता सेनानी परिवार को अलाट हुई यह जगह बिना कौंसिल की मंजूरी लिए हल्फिया बयानों के आधार पर आगे दे दी गई। उन्होंने कहा कि इस सारे मामले में नगर कौंसिल के अधिकारी और कांग्रेसी नेताओं की मिलीभगत है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह इन सभी कागजों को आधार बनाकर अदालत जाएंगे, ताकि जनतक जायदाद पर कब्जा होने से रोका जा सके और यह जगह पारदर्शी ढंग के साथ अलाट की जा सके। जिक्रयोग्य है कि फरीदकोट के कुछ व्यक्ति कोटकपूरा रोड पर स्थित करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कथित तौर पर कब्जा करने के लिए यहां बनी पुरानी बिल्डिंग को गिराकर इसका मलबा उठा रहे थे, जिसका पता लगने पर व अकाली नेताओं की शिकायत पर प्रशासन और नगर कौंसिल ने कार्रवाई करते हुए मौके से ट्रैक्टर-ट्राली और अन्य साधन पुलिस के हवाले किए और कब्जा करने वाले आधा दर्जन के करीब व्यक्तियों को नोटिस जारी किए। हालांकि इस मामले में कांग्रेसी नेता अपनी सफाई दे चुके हैं कि उनका इस जायदाद के साथ कोई लेन-देन नहीं है। इसके बाद अकाली दल की तरफ से यहां की गई कांफ्रैंस में कब्जाधारकों की तस्वीरें रिलीज करके यह साबित करने की कोशिश की गई कि इस मामले में कांग्रेसियों का सीधे तौर पर दखल है।