Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 10:53 AM
नकोदर की सियासत में जल्द ही बड़ा धमाका होने जा रहा है। कल तक नकोदर की सियासत पर जिस अकाली दल का कब्जा था लेकिन अकाली दल पार्षदों का एक बड़ा गुट कांग्रेस के संपर्क में है और जल्द ही वह कांग्रेस का हाथ थाम सकता है। इसके साथ ही कुछ आजाद पार्षद भी...
जालंधर(रविंदर शर्मा): नकोदर की सियासत में जल्द ही बड़ा धमाका होने जा रहा है। कल तक नकोदर की सियासत पर जिस अकाली दल का कब्जा था लेकिन अकाली दल पार्षदों का एक बड़ा गुट कांग्रेस के संपर्क में है और जल्द ही वह कांग्रेस का हाथ थाम सकता है। इसके साथ ही कुछ आजाद पार्षद भी कांग्रेस के संपर्क में हैं। अगर ऐसा होता है तो आने वाले दिनों में अकाली दल को तगड़ा झटका लग सकता है और नगर कौंसिल पर कांग्रेस का कब्जा हो सकता है।
पिछले 8 साल से नकोदर नगर कौंसिल पर अकाली दल का कब्जा है। मौजूदा समय में नकोदर में नगर कौंसिल प्रधान भी अकाली दल का है तो विधायक भी यहां अकाली दल के गुरप्रताप वडाला हैं। यानि पिछले 6 साल से पूरी तरह से नकोदर की सियासत पर अकाली दल का कबजा है। इस बार भी कांग्रेस लहर के बावजूद गुरप्रताप वडाला नकोदर से बड़े मार्जिन से अपना चुनाव जीते हैं। कांग्रेस की लगातार दूसरी हार से ऐसा लगने लगा था कि नकोदर की सियासत से कांग्रेस बाहर हो चुकी है मगर अब नकोदर की सियासत और समय बदलने जा रहा है। अपने वार्ड में काम न होने से नाराज कुछ अकाली पार्षद आजकल कांग्रेस के संपर्क में हैं। नकोदर नगर कौंसिल के 17 पार्षदों के लिए चुनाव अभी 2019 में होने हैं। मौजूदा समय में अकाली दल के पास 13 पार्षद हैं। 2 आजाद पार्षद और 2 कांग्रेस के हैं। यानी कांग्रेस को नकोदर नगर कौंसिल पर कब्जा करने के लिए 6 पार्षदों की दरकार है। ऐसे में जहां एक कदम कांग्रेस की ओर आगे बढ़ाया जा रहा है तो दूसरी तरफ नाराज अकाली पार्षद खुद भी कांग्रेसी नेताओं पर डोरे डाल रहे हैं।
अकाली दल के विजय कुमार पोपली, तिरलोचन धीमान, नवनीत ऐरी व सोहन लाल बसरा (इनकी बहू पार्षद है) इस समय अपनी ही पार्टी से इस बात से नाराज चल रहे हैं कि उनके वार्डों में विकास कामों में पक्षपात किया जा रहा है। इसके अलावा आजाद पार्षद बलविंद्र सिंह बीके भी विकास न होने से नाराज चल रहे हैं। ये सभी पार्षद अंदरखाते मार्कफैड के चेयरमैन अमरजीत सिंह समरा, पार्टी के नेता जगबीर बराड़ से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं। इसके बाद इन पार्षदों की कुछ दिन पहले सांसद चौधरी संतोख सिंह से भी मुलाकात हो चुकी है। कई पार्षदों ने तो इस मुलाकात को फेसबुक पर भी शेयर कर दिया था। अचानक हुई इस मुलाकात के बाद नकोदर की सियासत गर्मा गई है। आने वाले दिनों में अगर ये पार्षद पाला बदल कर कांग्रेस के साथ जाते हैं तो अकाली दल को तगड़ा झटका लग सकता है। वहीं, दूसरी तरफ अपना घर बचाने के लिए अकाली दल ने भी कवायद शुरू कर दी है। मीटिंगें कर नाराज पार्षदों को मनाने का काम किया जा रहा है। सांसद चौधरी संतोख सिंह का कहना है कि कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास रखती है। अगर नाराज पार्षद कांग्रेस में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। फिलहाल कांग्रेस की ओर से ऐसी कोई कवायद नहीं की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल का कहना है कि कांग्रेस जानबूझ कर उनके पार्षदों को धमका रही है और कांग्रेस की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।