Edited By Updated: 12 Nov, 2016 10:45 AM
जम्मू-कश्मीर में कस्बा पम्पोर में शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. के सैनिक जगतार सिंह निवासी गांव बुर्जवाला के पारिवारिक मैंबर पंजाब सरकार द्वारा
रूपनगर (कैलाश): जम्मू-कश्मीर में कस्बा पम्पोर में शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. के सैनिक जगतार सिंह निवासी गांव बुर्जवाला के पारिवारिक मैंबर पंजाब सरकार द्वारा परिवार को दी जाने वाली आर्थिक व अन्य सहायता के लिए 6 महीने बीत जाने के बाद भी तरस रहे हैं।
वित्तीय सहायता की घोषणा को पूरा न करने पर भारी रोष
जगतार सिंह की पत्नी हरनीप कौर के दिल में पंजाब सरकार की शहीद के परिवार को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की घोषणा को पूरा न करने पर भारी रोष है। उन्होंने आज यहां तक कह दिया कि पंजाब सरकार शहीदों का मोल नहीं जानती। यहां तक कि 31 अक्तूबर को शहीदी दिवस के मौके पर भी स्कूल में उन्हें याद नहीं किया गया जबकि अन्य शहीदों की याद में समागम किए गए। हरनीप कौर ने बताया कि उसका पति जगतार सिंह जब फायरिंग के बाद वापस आ रहा था तो पम्पोर कस्बे के समीप आतंकवादियों ने बस पर अचानक चारों तरफ से गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
6 माह बाद भी नहीं मिली कोर्इ मदद
गोलाबारी के कारण जगतार सिंह की मौत हो गई तथा उसका मृतक शरीर ही उनके गांव बुर्जवाला में पहुंचा था। उन्होंने बताया कि शहीद हुए उनके पति जगतार सिंह की याद में पंजाब सरकार ने गांव मियांपुर के स्कूल जहां उन्होंने शिक्षा प्राप्त की में बच्चों को प्रेरणा देने के लिए उनका स्टैच्यू लगाने, आर्थिक सहायता देने, परिवार के एक मैंबर को नौकरी देने तथा परिवार को हर संभव सहायता देने का भरोसा भी दिया परंतु उक्त घोषणाएं सिर्फ सरकार के चहेतों द्वारा वाहवाही प्राप्त करने के लिए की गईं जिसकी प्रतिपूर्ति 6 महीने बीत जाने के बाद भी नहीं हो सकी।
बुजुर्ग माता-पिता की भी तरसी आंखें
जगतार की बुजुर्ग माता महेन्द्र कौर (78) तथा पिता सौदागर सिंह (80) ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जगतार की पत्नी हरनीप कौर के अलावा उन्हें भी आॢथक सहायता देने के लिए घोषणा की गई थी। उसके परिवार के एक मैंबर को नौकरी देने का भरोसा दिया था। उन्होंने बताया कि आज भी जगतार को देखने को लिए उनकी आंखें तरस रही हैं, परंतु उनका पुत्र तो देश के लिए शहीद हो गया लेकिन प्रदेश सरकार ने अपना फर्ज नहीं निभाया।