Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2017 11:57 PM
शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी ने आज पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर....
चंडीगढ़(पराशर): शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर से कहा कि वह कांग्रेस सरकार को निर्देश दें कि सिंचाई और बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह द्वारा किए गए रेत घोटाले की जांच राष्ट्रीय एजैंसियों से करवाए।
इसके साथ ही गठबंधन ने राज्यपाल को यह भी कहा कि वह कांग्रेस सरकार को अपने चुनावी वायदे पूरे करने, अमन और कानूनी की स्थिति सुधारने और दलित भाईचारे के हकों की रक्षा करने का भी आदेश दें। अकाली-भाजपा के एक संयुक्त शिष्टमंडल ने अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पंजाब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विजय सांपला के नेतृत्व में आज राज भवन में राज्यपाल को इस संबंधी एक ज्ञापन सौंपा। प्रदेश में रेत की कीमतें 4 गुना बढ़ा देने वाले रेत घोटाले के बारे में राज्यपाल को जानकारी देते हुए सुखबीर ने कहा कि राणा गुरजीत ने अपने रसाइए और कर्मचारियों के जरिए रेत की खदानों का ठेका हासिल किया है जिसके लिए उसके कर्मचारियों ने 50 करोड़ रुपए तक की बोलियां दी हैं। इसे बनामी सौदों का स्पष्ट मामला करार देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट और आयकर अधिकारियों द्वारा करवाई जानी चाहिए।
अकाली दल के अध्यक्ष ने राज्यपाल को यह भी कहा कि वह सरकार को निर्देश दें कि वह आगामी बजट सत्र दौरान किसानों की मुकम्मल कर्जा माफी का वायदा पूरा करे। पिछले 3 माह दौरान 70 किसान खुदकुशियां कर चुके हैं। यदि सरकार ने तुरंत कर्जा माफ न किया तो पंजाब में अमन-कानून की स्थिति बिगड़ सकती है। इस मौके पर लोकसभा सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने बताया कि एक सदस्यीय जांच आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट दिए जाने से पहले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने राणा गुरजीत सिंह को यह कह कर क्लीन चिट दे दी है कि उसने सारे दस्तावेजों को देख लिया है और उनमें कुछ भी गलत नहीं है। अकाली नेता ने यह बात जोर देकर कही कि पंजाब में खेती सैक्टर एक बड़े संकट का सामना कर रहा है क्योंकि बैंकों और आढ़तियों ने आगामी धान की फसल के लिए किसानों को कर्जा देना बंद कर दिया है।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विजय सांपला ने राज्यपाल को कहा कि दलित भाईचारे पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए वह कांग्रेस सरकार को सख्त कार्रवाई करने के लिए कहे। पूर्व स्पीकर डा. चरणजीत सिंह अटवाल और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने भी दलितों पर अत्याचारों का मुद्दा उठाया।