Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 09:44 AM
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने पंजाबियों की हड्डियों को भी कमजोर करना शुरू कर दिया है। वायु प्रदूषण से आस्टियोपोरोसिस के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा ज्यादा बढऩे लगा है। वायु प्रदूषण के कारण न...
जालंधर (रविंदर शर्मा): लगातार बढ़ रहे प्रदूषण ने पंजाबियों की हड्डियों को भी कमजोर करना शुरू कर दिया है। वायु प्रदूषण से आस्टियोपोरोसिस के मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। लोगों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा ज्यादा बढऩे लगा है। वायु प्रदूषण के कारण न केवल सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी है बल्कि आर्थोपैडिक सर्जनों के पास भी मरीजों का तांता लग रहा है। आस्टियोपोरोसिस से पीड़ित मरीजों के लिए वायु प्रदूषण और घातक साबित हो सकता है। पिछले तकरीबन एक महीने से प्रदेश को प्रदूषण ने अपनी चपेट में लिया हुआ है।
पहले लगातार पेड़ काटकर सरकार ने पंजाब के लोगों का जीना मुहाल कर दिया तो अब लगातार पराली के जलने से प्रदेश के हालात बदतर हो गए हैं। इससे न केवल सांस व दमा के मरीजों में इजाफा हुआ है बल्कि कई अन्य बीमारियां भी लग रही हैं। एक नए शोध से यह बात सामने आई है कि वायु प्रदूषण से पंजाबियों की हड्डियां भी कमजोर हो रही हैं। हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण जिन्हें पी.एम. 2.5 भी कहते हैं, से हड्डी के घनत्व के नुक्सान में तेजी आती है और हड्डियां कमजोर पडऩे लगती हैं। इससे फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है। शोध के अनुसार सिगरेट के धुएं में मौजूद जहरीले पदार्थ की तरह वायु प्रदूषण सूजन और आक्सीडेटिव तनाव पैदा कर सकता है जिससे हड्डियों को नुक्सान हो सकता है।
यह बात भी सामने आई है कि वायुमंडल के महीन कण हड्डियों को नुक्सान पहुंचाते हुए बुजुर्गों में फ्रैक्चर की संभावना बढ़ा देते हैं। प्रदूषण के कणों और काले कार्बन के उच्च स्तर वाले इलाकों में रहने वाले लोगों में पैराथायराइड हार्मोन का स्तर काफी कम है जो एक महत्वपूर्ण कैल्शियम और हड्डी से संबंधित हार्मोन है। इसका अभाव हड्डी को कमजोर बना देता है। यही कारण है कि आजकल आर्थोपैडिक सर्जनों के दरबार में भी जनता की खूब भीड़ उमड़ रही है। डाक्टर मरीजों को दवा के साथ-साथ प्रदूषण से बचने के उपाय भी बता रहे हैं।आर्थोपैडिक सर्जन डा. नवजोत दहिया का कहना है कि वायु प्रदूषण शरीर की हड्डियों के घनत्व को नुक्सान पहुंचाता है जिससे हड्डियां कमजोर पडऩे लगती हैं। वह कहते हैं कि इसके लिए न केवल प्रदूषण से बचाव करना होगा बल्कि सा थ ही हरे-भरे इलाके में सैर करना और कैल्शियम युक्त भोजना करना चाहिए।