Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 10:30 AM
प्रदूषणमुक्त दीवाली मनाने के अदालत के आदेश, सरकार और वातावरण प्रेमियोंं की कोशिशों को चाहे पूरी तरह से सफलता नहीं मिल सकी हो पर फिर भी जालंधर के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों में इस बात को लेकर खुशी का माहौल है कि पंजाब के बड़े शहरों जैसे...
जालंधर (बुलंद) : प्रदूषणमुक्त दीवाली मनाने के अदालत के आदेश, सरकार और वातावरण प्रेमियोंं की कोशिशों को चाहे पूरी तरह से सफलता नहीं मिल सकी हो पर फिर भी जालंधर के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों में इस बात को लेकर खुशी का माहौल है कि पंजाब के बड़े शहरों जैसे अमृतसर,लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ के मुकाबले जालंधर में वायु प्रदूषण का स्तर कम पाया गया।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से जारी किए गए दोनों ग्राफों से पता चलता है कि 12 अक्तूबर को एयर क्वालिटी इंडैक्स दीवाली से एक सप्ताह पहले तक 152 था जोकि मध्यम प्रदूषण लैवल है जबकि यह सुरक्षित तब माना जाता है जब 50 से 100 से बीच हो। दीवाली के दिन मापे गए प्रदूषण के आंकड़ों के अनुसार ए.क्यू.आई. 179 पाया गया है जोकि चाहे मध्यम प्रदूषण लैवल में आता है पर इसके बावजूद यह काफी प्रदूषण है।
लेकिन विभागीय अधिकारी इंजी. संदीप बहल का कहना है कि जालंधर के लिए यह खुशी की बात है कि पंजाब के अन्य बड़े शहरों के मुकाबले यह काफी कम है। उन्होंने बताया कि अमृतसर में एयर क्वालिटी इंडैक्स 318 पाया गया, लुधियाना में 379 और मंडी गोङ्क्षबदगढ़ में यह 287 आंका गया। बहल ने कहा कि जालंधर में कम पाए गए प्रदूषण के लिए जहां वह लोगों के आभारी हैं कि उन्होंने दीवाली की रात पटाखे कम चलाए वहीं पंजाब पुुलिस के भी आभारी हैं जिन्होंने हाइकोर्ट के आदेशों की पालना करवाने के लिए सार्थक प्रयत्न किए।