Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 04:54 PM
आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की तरफ से पंजाब व केंद्र सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ नाभा में प्रदर्शन किया। इस दौरान आवाजाही ठप्प होने से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा।
नाभाःआंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब सीटू की तरफ से पंजाब व केंद्र सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ नाभा में प्रदर्शन किया। इस दौरान आवाजाही ठप्प होने से आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। इस दौरान आंगनवाडी वर्करों ने कहा कि एक तरफ तो सरकार डिजीटल इंडिया मेकअप इंडिया का नारा देती है दूसरी तरफ कुपोषण की कतार में 100वां स्थान प्राप्त करती है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने महिला और बाल विकास के लिए चलाई संगठित बाल विकास सेवाओं स्कीम पर अपनी ‘गुप्त आरी’ चलाई हुई है।
लगातार स्कीम के बजट में कटौती कर देश के करोड़ों बच्चों, गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं की सेहत संभाल तथा बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को अनदेखा किया जा रहा है। केंद्र सरकार भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर डायरैक्ट बैनीफीशियरी कैश ट्रांसफर (डी.बी.टी.) या डिब्बा बंद भोजन जैसी स्कीमों के आई.सी.डी.एस. को खत्म करने जा रही है।
हमारी पंजाब की कैप्टन सरकार घर-घर रोजगार देने का वायदे करती है और दूसरी तरफ प्राथमिक स्कूलों में नर्सरी कक्षा शुरू कर 64000 महिलाओं के ‘मुंह का निवाला’ छीन रही है। शिक्षा सचिव का बयान है कि प्री-नर्सरी क्लासें आंगनबाड़ी वर्कर और अध्यापक मिल कर प्राथमिक स्कूलों में चलाएंगे जो बिल्कुल भी योजनाबद्ध नहीं है। यदि सरकार ने मांगों का जल्द निपटारा न किया तो संघर्ष और तीखा किया जाएगा।