Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 11:32 AM
पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के कोर्ट में सरैंडर के बाद कांग्रेस ने भी राहत की सांस ली है।
चंडीगढ़ः पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के कोर्ट में सरैंडर के बाद कांग्रेस ने भी राहत की सांस ली है। गिरफ्तारी न होने के चलते सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे थे। इस मुद्दे पर श्री अकाल तख्त साहिब ने भी 5 अक्टूबर को मीटिंग बुलाई है। ऐसे में सरकार की किरकिरी हो सकती थी, लेकिन अब कांग्रेस इस मुद्दे को चुनाव में पूरी तरह भुनाने में जुट गई है। सोशल मीडिया पर लंगाह का वीडियो आने व केस दर्ज किए जाने के बाद से ही कांग्रेस लंगाह प्रकरण को लेकर नफे-नुकसान का आकलन कर रही ही।
अहम पहलू यह है कि लंगाह प्रकरण उठने के बाद से कांग्रेस को यह चिंता थी कि कहीं चुनाव में केस दर्ज होने के कारण अकाली दल या लंगाह को सहानुभूति न मिल जाए। श्री अकाल तख्त साहिब की आपातकालीन बैठक से लंगाह के सरैंडर से कांग्रेस खासी उत्साहित है। पार्टी अब इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि इस घटना के बाद ग्रामीण क्षेत्रों व सिख संगत में अकाली दल की पकड़ कमजोर होगी।
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान व गुरदासपुर से प्रत्याशी सुनील जाखड़ ने इस पूरे प्रकरण से खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना है, 'यह कानून और धर्मिक मर्यादाओं का मामला है। इसका कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है।' जाखड़ भले ही पूरे मामले से खुद को अलग कर ले, लेकिन चुनावी समर में जिस प्रकार से लंगाह प्रकरण उठा और उस पर कार्रवाई हुई, उसका सीधा लाभ कांग्रेस को ही होता नजर आ रहा है।