कैंसर व काला पीलिया के बाद अब शूगर की बीमारी की चपेट में आए पंजाबी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jul, 2017 09:34 AM

after black jaundice punjabi  under the influence of sugar disease

कैंसर तथा काला पीलिया की मार के बाद पंजाब में शूगर की बीमारी ने बड़े स्तर पर पंजाबियों को अपनी चपेट में ले लिया है। पंजाबियों के स्वास्थ्य की रखवाली के लिए वचनबद्धता से काम कर रही अंतर्राष्ट्रीय संस्था वल्र्ड कैंसर केयर की टीम की ओर से चंडीगढ़ सहित...

मोगा(पवन ग्रोवर): कैंसर तथा काला पीलिया की मार के बाद पंजाब में शूगर की बीमारी ने बड़े स्तर पर पंजाबियों को अपनी चपेट में ले लिया है। पंजाबियों के स्वास्थ्य की रखवाली के लिए वचनबद्धता से काम कर रही अंतर्राष्ट्रीय संस्था वल्र्ड कैंसर केयर की टीम की ओर से चंडीगढ़ सहित पंजाब के 22 जिलों में किए गए सर्वेक्षण में कई हैरानीजनक तथ्य उभर कर सामने आए हैं।

इस टीम की रिपोर्ट के मुताबिक माझा तथा मालवा के मुकाबले दोआबा में लोग शूगर की बीमारी से अधिकतर पीड़ित हैं। ‘पंजाब केसरी’ की ओर से इस संबंध में टीम के माहिरों से की गई बातचीत दौरान पता चला कि अब पंजाबियों ने अपने रिवायती भोजन को तिलांजलि देकर जंक फूड व अप्रत्यक्ष मीठे से भरपूर पेय पदार्थों का सेवन बढ़ाया है, जिसके कारण शूगर सहित आम लोगों का ब्लड प्रैशर भी बढऩे लगा है। यही नहीं, सर्वेक्षण में यह बात भी विशेष तौर पर उभर कर सामने आई है कि रोजमर्रा के भोजन में खुराकी तत्वों की गुणवत्ता घटने, शारीरिक शक्ति का प्रयोग कम करने तथा मानसिक बोझ बढऩे के कारण स्कूली बच्चों व नौजवानों की आंखों की नजर कमजोर हो रही है तथा जोड़ों का दर्द (गठिया) एक आम रोग बन गया है। स्वास्थ्य माहिरों का कहना है कि यदि आम हालात में मरीज को टी.बी. होने का खतरा 10 प्रतिशत होता है तो शूगर के मरीजों में इस खतरे की दर 25 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।

जिला टी.बी. अफसर डा. इंद्रवीर सिंह गिल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग शूगर की बीमारी को काबू में रखने के लिए जहां आम लोगों को समय-समय पर कैंप लगा कर जागरूक करता है, वहीं शूगर के बाद मरीज को लगने वाले अन्य खतरनाक रोगों की रोकथाम के लिए भी मुहिम चलाई जाती है।

क्या कहना है टीम के डाक्टरों का
संस्था के मैनेजिंग डायरैक्टर डा. धर्मेन्द्र सिंह ढिल्लों का कहना है कि शूगर की बढ़ौतरी इस बात की गवाही भरती है कि आम लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वल्र्ड कैंसर केयर की ओर से प्रचार कर लोगों को बीमारियों से बचने के लिए प्रेरित किया गया है। इसके अलावा पंजाब की हर यूनिवर्सिटी, कालेज तथा सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में जागरूकता सैमीनार लगा कर नौजवान पीढ़ी को बीमारियों की चपेट में आने से बचाने के प्रयत्न तेज किए गए हैं।

शूगर व ब्लड प्रैशर की बीमारी बढऩा चिंता का विषय : कुलवंत सिंह धालीवाल
विश्व भर में कैंसर की नामुराद बीमारी के खात्मे के लिए जागरूकता मुहिम चला रहे वल्र्ड कैंसर केयर के अंतर्राष्ट्रीय दूत कुलवंत सिंह धालीवाल ने बताया कि संस्था की ओर से पश्चिमी देशों की तर्ज पर आधुनिक मैडीकल सहूलियतों से लैस 7 मैडीकल बसें उत्तर भारत में 1258 मैगा कैंप लगा चुकी हैं तथा इन कैंपों में 52.12 लाख लोगों चैकअप किया गया है।

इन कैंपों में पंजाब के समूचे जिलों के अलावा हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के 322451 मरीज संस्था की ओर से रजिस्टर्ड किए गए हैं,  जबकि 12168 मैमोग्राफी, 5961 पैप समीयर्स, 13676 पी.एस.एज. 1293 ओरल स्क्रीनिंग के टैस्ट किए गए हैं। इसी तरह 112093 शूगर तथा ब्लड प्रैशर के टैस्ट मुफ्त किए गए, जबकि आम अस्पताल में इन टैस्टों की कीमत 1500 से 2000 रुपए के करीब है। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से अब तक 2733 कैंसर के मरीजों की पहचान की जा चुकी है।    

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