Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 12:48 PM
बरनाला को जिले का दर्जा प्राप्त हुए लगभग 11 वर्ष हो गए हैं। 11 वर्ष के गुजरने के बावजूद यहां अभी भी कई महत्वपूर्ण दफ्तर जो कि आम लोगों की जरूरतों से जुड़े हुए हैं, नहीं खुले। जो दफ्तर खुले हैं उनमें से कुछ को संगरूर शिफ्ट कर दिया..........
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): बरनाला को जिले का दर्जा प्राप्त हुए लगभग 11 वर्ष हो गए हैं। 11 वर्ष के गुजरने के बावजूद यहां अभी भी कई महत्वपूर्ण दफ्तर जो कि आम लोगों की जरूरतों से जुड़े हुए हैं, नहीं खुले। जो दफ्तर खुले हैं उनमें से कुछ को संगरूर शिफ्ट कर दिया गया जिनमें से खरीद एजैंसी पंजाब एग्रो व वेयर हाऊस के दफ्तर को बरनाला से संगरूर शिफ्ट कर दिया गया जिस कारण किसानों, आढ़तियों व शैलर मालिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में कई दफ्तर न होने के कारण जिले के लोगों को अपने कामकाज के लिए संगरूर जाना पड़ता है।
अब पंजाब सरकार ने जिला ट्रांसपोर्ट दफ्तर को भी बरनाला में बंद कर दिया है। बरनाला को जिला संगरूर से जोड़ दिया गया है। संगरूर जिले में पंजाब सरकार ने आर.टी.ओ. दफ्तर खोल दिया है। अब जिला बरनाला के लोगों को कमर्शियल ट्रांसपोर्ट के कामकाज करवाने संबंधी संगरूर चक्कर काटने पड़ेंगे।
पुडा का दफ्तर न होने कारण शहर के कई प्रोजैक्ट लटक जाते हैं अधर में
भट्ठा ऐसो.के जिलाध्यक्ष राजीव वर्मा रिंपी ने कहा कि बरनाला जिले में अभी तक पुडा का दफ्तर नहीं खोला गया। लोगों को अपने प्रोजैक्ट पास करवाने के लिए संगरूर चक्कर काटने पड़ते हैं। शहर के विकास व बेहतरी के लिए बरनाला जिले में पुडा का दफ्तर खोलना जरूरी है। फिर ही शहर का विस्तार सही ढंग से हो सकेगा।
जिला बरनाला से हुए भेदभाव को उठाएंगे हाईकमांड के आगे
व्यापार मंडल के अध्यक्ष व जिला कांग्रेस के महासचिव अनिल बांसल ने कहा कि जिला बरनाला बने को 11 वर्ष हो चुके हैं और इन 11 वर्षों के दौरान जिले से हमेशा ही भेदभाव हुआ है। जिले में तो पहले ही कई दफ्तर नहीं थे परंतु जो दफ्तर यहां थे उनको भी संगरूर में शिफ्ट किया जा रहा है। फिर बरनाला को जिला बनाने का क्या लाभ यदि यहां के लोगों को अपने कामकाज के लिए संगरूर ही जाना पड़े।
बरनाला से हुए इस भेदभाव को मैं कांग्रेस हाईकमांड के आगे उठाऊंगा कि बरनाला जिले में पूरे दफ्तर खोलने की बजाय पुराने खुले दफ्तरों को संगरूर शिफ्ट किया जा रहा है। अब जिला ट्रांसपोर्ट विभाग भी संगरूर आर.टी.ओ. के अधीन कर दिया गया है जोकि जिले के लोगों के साथ बेइंसाफी है।
डी.टी.ओ. दफ्तर खत्म करने से नहीं घटेगा भ्रष्टाचार : काला ढिल्लों
‘आपा’ के जिलाध्यक्ष काला ढिल्लों ने कहा कि पंजाब सरकार ने यह कहकर डी.टी.ओ. दफ्तर खत्म किए हैं कि इन दफ्तरों में भ्रष्टाचार फैल गया था। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब सरकार से पूछता हूं कि क्या आर.टी.ओ. व उसका स्टाफ ईमानदार होगा?
डी.टी.ओ. दफ्तर के कर्मचारियों को ही आर.टी.ओ. दफ्तर में तबदील किया जाएगा। भ्रष्टाचार तब ही रुक सकता है यदि पंजाब सरकार इसको रोकने के लिए कोई गंभीर कदम उठाए। डी.टी.ओ. दफ्तर खत्म करके लोगों को पंजाब सरकार परेशानियां ही दे रही है।
मुख्यमंत्री तो अपने पुरखों के शहर से ही कर रहे हैं भेदभाव : नीरज
क्रांतिकारी व्यापार मंडल के अध्यक्ष नीरज जिंदल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह बरनाला में आते थे तो वह यह कहते नहीं थकते थे कि बरनाला जिला तो मेरे पुरखों का शहर है, मैंने ही बरनाला को जिले का दर्जा दिया था। कांग्रेस की सरकार आने पर इसको पूरा जिला बनाया जाएगा।
बरनाला को पूरा जिला तो क्या बनाना था यहां का डी.टी.ओ. दफ्तर भी उठा दिया गया है व बरनाला जिले से मुख्यमंत्री कैप्टन मुख्यमंत्री ने भेदभाव करना शुरू कर दिया है। यदि बरनाला जिले की उन्नति करनी थी तो जिले में आर.टी.ओ. का दफ्तर मुख्यमंत्री बरनाला में खोलते।
वाटर व सीवरेज बोर्ड के एक्सियन का दफ्तर नहीं खुला जिले में
समाजसेवी राजीव लोचन मिट्ठा ने कहा कि आम लोगों की सबसे बड़ी जरूरत पानी व सीवरेज की होती है। किसी भी गली-मोहल्ले में नई पानी व सीवरेज की पाइपों का प्रोजैक्ट पास करवाने के लिए एक्सियन दफ्तर की जरूरत पड़ती है परंतु जिले में अभी तक एक्सियन का दफ्तर नहीं खोला गया। इससे स्पष्ट होता है कि बरनाला जिले के लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
संगरूर जिले में आर.टी.ओ. दफ्तर खुल सकता है बरनाला में क्यों नहीं?
भाजपा के सीनियर नेता धीरज कुमार दधाहूर ने कहा कि यदि संगरूर जिले में आर.टी.ओ. दफ्तर खुल सकता है तो बरनाला में क्यों नहीं खुल सकता। बरनाला जिले के लोग तो पहले ही कई दफ्तरों के यहां न होने से परेशान हो रहे हैं अब सरकार द्वारा खुले दफ्तरों को भी संगरूर शिफ्ट करके बरनाला के लोगों से धक्का किया गया है इस मुद्दे को भजपा जोर-शोर से उठाएगी।