Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jul, 2017 11:24 PM
लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गत दिनों एक प्रैस कांफ्रैंस दौरान पी.आई.डी.बी. ग्रांट के तहत पंजाब भर में हुए कामों ....
जालंधर(अश्विनी खुराना): लोकल बाडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गत दिनों एक प्रैस कांफ्रैंस दौरान पी.आई.डी.बी. ग्रांट के तहत पंजाब भर में हुए कामों को सिंगल टैंडर के आधार पर अलाट करने के जिस घोटाले का पर्दाफाश किया था उसे पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने भी सही माना है।
गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने इस घोटाले पर से पर्दा उठाने से पहले चीफ विजीलैंस आफिसर (लोकल बाडीज विभाग) की ड्यूटी लगाई थी जिन्होंने राज्य की 4 नगर निगमों अमृतसर, जालंधर, लुधियाना व भटिंडा को अपने सैंपल का आधार बनाकर कुल 1002 टैंडरों की जांच की जो 788 करोड़ रुपयों के थे। उस रिपोर्ट में हैरानीजनक तथ्य सामने आए कि कुल 50 प्रतिशत से ज्यादा यानी 512 टैंडर सिंगल बिड के आधार पर अलाट कर दिए गए और 109 मामले ऐसे थे जहां 2 टैंडर रिसीव हुए थे। अमृतसर निगम की बात करें तो वहां हृदय प्रोजैक्ट के तहत चल रहे काम इस जांच रिपोर्ट में शामिल नहीं थे। इस रिपोर्ट के बाद सिद्धू ने नगर निगमों के 4 एस.ईज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और मामले को लीगल ओपिनियन के लिए पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा के पास भेजा गया था जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि की है।
एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि सिंगल टैंडर केवल कुछ एक मामलों और विशेष परिस्थितियों में ही अलाट किया जा सकता है और उस फाइल पर भी अधिकारी को लिखित जस्टीफिकेशन देनी होगी व फाइनैंशियल अथारिटी से परमिशन लेनी होगी। रिपोर्ट में इन टैंडरों को स्वीकार करने के मामले गैर-कानूनी बताए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि नगर निगमों को जिस भी स्रोत से सरकारी फंड प्राप्त होता है उसे पी.एम.सी. एक्ट 1976 के तहत ही खर्च किया जा सकता है।
क्या बाकी अधिकारियों पर भी गिरेगी सिंगल टैंडर की गाज
नवजोत सिद्धू की मानें तो पिछले समय दौरान सिंगल टैंडर के आधार पर सैंकड़ों करोड़ के टैंडर नियमों के विरुद्ध जाकर अलाट किए गए। सी.वी.ओ. ने सिद्धू के कहने पर अमृतसर, जालंधर, लुधियाना व भटिंडा निगम को ही अपनी जांच का आधार बनाया जबकि सिंगल टैंडर के जरिए बाकी नगर निगमों तथा कौंसिलों/कमेटियों में भी अलाटमैंट हुई। अभी तक सिद्धू ने इस मामले में सिर्फ 4 अधिकारी ही सस्पैंड किए गए हैं जबकि कई अन्य स्तर के अधिकारी भी सिंगल टैंडरों को मंजूरी देने के मामले में शामिल थे। अब एडवोकेट जनरल की रिपोर्ट आ जाने के बाद देखना होगा कि इस मामले में बाकी नगर निगमों, कमेटियों/कौंसिलों तथा अन्य शामिल अधिकारियों को कैसे लपेटे में लिया जाता है।