Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 11:30 AM
बठिंडा-मानसा रोड पर स्थित एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट पिछले 2 माह से बिना रेडियोलॉजिस्ट के ही चल रहा है। रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण उपचार करवाने के लिए कैंसर मरीजों को जांच हेतु फरीदकोट मैडीकल कालेज रैफर किया जा रहा है। लोगों ने मांग की है कि उक्त...
बठिंडा(परमिंद्र): बठिंडा-मानसा रोड पर स्थित एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट पिछले 2 माह से बिना रेडियोलॉजिस्ट के ही चल रहा है। रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण उपचार करवाने के लिए कैंसर मरीजों को जांच हेतु फरीदकोट मैडीकल कालेज रैफर किया जा रहा है। लोगों ने मांग की है कि उक्त संस्थान में जल्द से जल्द रेडियोलॉजिस्ट का पद भरा जाए।
क्या कहते हैं संस्थान अधिकारी
कैंसर इंस्टी‘यूट के डायरैक्टर एम.के. महाजन ने बताया कि वह हमेशा ही मरीजों को बेहतर सेवाएं मुहैया करवाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में कुछ गंभीर मरीजों को फरीदकोट के लिए रैफर करना पड़ता है। मरीजों की परेशानियों को देखते हुए हाल ही में 2 रेडियोग्राफर नियुक्त किए गए हैं। जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट के पद पर भी पक्की तैनाती की जाएगी।
मरीजों को राहत देने हेतु किया था केंद्र स्थापित
गौरतलब है कि बठिंडा व आसपास के क्षेत्र में कैंसर की मार को देखते हुए बङ्क्षठडा-मानसा रोड पर इंडस्ट्रीयल ग्रोथ सैंटर में सरकार द्वारा एडवांस्ड कैंसर इंस्टीच्यूट स्थापित किया गया था। उक्त संस्थान का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा किया गया था। इस संस्थान में करोड़ों की लागत वाली बेहतरीन मशीनें स्थापित की गईं ताकि कैंसर के मरीजों को सस्ता उपचार दिया जा सके। उक्त संस्थान से पहले कैंसर के मरीज जांच व उपचार के लिए फरीदकोट मैडीकल कालेज या बीकानेर आदि जाते थे। मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए इस संस्थान को बङ्क्षठडा में 2016 में स्थापित किया गया था। अब पिछले करीब 2 माह से उक्त संस्थान में रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त पड़ा है। पता चला है कि फरीदकोट से ही एक रेडियोलॉजिस्ट सप्ताह में एक दिन उक्त संस्थान में आता था लेकिन अब वह भी नियमित तौर पर नहीं आ रहा। इस कारण संस्थान में एम.आर.आई. व अन्य कई प्रकार के टैस्ट करवाने के लिए आने वाले कैंसर मरीजों को फरीदकोट मैडीकल कालेज के लिए रैफर किया जा रहा है। इस कारण कैंसर पीड़ित मरीज पहले नजदीकी या दूर-दराज इलाकों से बठिंडा पहुंचते हैं लेकिन यहां उन्हें सेवाएं न मिलने के कारण फरीदकोट जाना पड़ता है। इससे उनका पैसा व समय बर्बाद होता है और परेशानी भी बढ़ती है।