Edited By Updated: 25 May, 2017 04:11 AM
आदमपुर में बनने वाले हवाई अड्डे से 26 सितम्बर को शुरू होने वाली फ्लाइट को सफल....
जालंधर(अमित): आदमपुर में बनने वाले हवाई अड्डे से 26 सितम्बर को शुरू होने वाली फ्लाइट को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है। इस काम को तय समय-सीमा में पूरा करवाने के लिए डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा निजी दिलचस्पी लेकर पैंडिंग कार्यों को निपटवाने में लगे हुए हैं।
इसी कड़ी में डी.सी. ने एयरपोर्ट अथॉर्टी आफ इंडिया के अधिकारियों से फोन पर बात की और उन्हें गुरुवार को 36 एकड़ जमीन, जिसकी रजिस्ट्री पहले ही एयरपोर्ट अथॉर्टी के नाम पर हो चुकी है, की फर्दें रिसीव करवाने के लिए कहा, क्योंकि प्रशासन द्वारा अथॉर्टी के नाम पर उक्त जमीन का इंतकाल दर्ज करवा दिया गया है। डी.सी. ने एयरपोर्ट अथॉर्टी को यह भी कहा है कि वह बाकी बची हुई जमीन के लिए पार्टीशन का केस दायर करे ताकि एयरपोर्ट के काम में किसी किस्म की बाधा उत्पन्न न होने पाए।
दरअसल एयरपोर्ट की कुल 40 एकड़ 5 कनाल 14 मरले जगह में से 35 एकड़ 7 कनाल 3 मरले की रजिस्ट्री पहले ही हो चुकी है और 30 कनाल 9 मरले 3 सरसाई रकबे की रजिस्ट्री की जानी अभी बाकी है। अथॉर्टी ने अलग-अलग हिस्सों की जगह एक साथ ही जगह की मांग की है जिसके चलते पार्टीशन का केस करने की सलाह दी गई है। अगर सब कुछ सही रहता है तो गुरुवार को अथॉर्टी की तरफ से फर्दें रिसीव करने के साथ-साथ पार्टीशन का केस दायर करने का काम भी जल्दी ही आरंभ कर दिया जाएगा।
6 कनाल पंचायती जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी हुई शुरू
इस बीच एयरपोर्ट की 40 एकड़ में से बची हुई 4 एकड़ जमीन के अंदर 6 कनाल 3 सरसाई जगह जोकि गांव कंधौला की पंचायत के नाम पर है, उसके अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेजी से आरंभ कर दी गई है क्योंकि उक्त 6 कनाल जमीन एयरपोर्ट को दी जाने वाली 40 एकड़ 5 कनाल 14 मरले जमीन का ही हिस्सा है, मगर इस जमीन को अधिगृहीत करने के लिए पंचायत का प्रस्ताव और डायरैक्टर की मंजूरी लेना अनिवार्य है। जानकारी अनुसार इस कार्य को पूरा करने के लिए बुधवार को डी.सी. के पास पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव पहुंच गया है और डायरैक्टर के पास मंजूरी के लिए केस बनाकर गुरुवार को भेजा जा रहा है ताकि इसे जल्दी पूरा करके पंचायत को बनती राशि जोकि लगभग 30 लाख रुपए है देकर उक्त जमीन की रजिस्ट्री भी एयरपोर्ट अथॉर्टी के नाम पर करवाई जा सके।
बची हुई जमीन के मालिकों को रजिस्ट्री करवाने की सार्वजनिक अपील जारी
प्रशासन काफी कोशिशों के बावजूद 30 कनाल 9 मरले 3 सरसाई जमीन के 55 मालिकों जिनके नाम पर बहुत कम जमीन का मालिकाना हक है, को नहीं ढूंढ पाया क्योंकि उक्त लगभग सारे लोग गांव में नहीं रहते हैं और बहुत से एन.आर.आई. हैं जिस कारण उन्हें रजिस्ट्री करवाने के लिए नहीं बुलाया जा सका है। डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि उक्त सारे लोगों से अखबारों में एक इश्तिहार निकालकर सार्वजनिक अपील की गई है कि वह 15 दिन के अंदर-अंदर उक्त जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रशासन से संपर्क करें और अपना मुआवजा प्राप्त करें अन्यथा सरकार की तरफ से उक्त जमीन के रकबे को फेयर कंपैनडेशन एंड ट्रांसपरैंसी इन लैंड एक्वीजीशन, रिहैबिलिटेशन एंड रीसैटलमैंट एक्ट 2013 के सैक्शन 40 एमरजैंसी क्लाज के अधीन प्राप्त करने पर विचार किया जाएगा।