Edited By Updated: 19 May, 2017 07:40 AM
न्यू प्रेम नगर में हुए अवैध कब्जों पर कार्रवाई न होने के लिए नगर निगम के अधिकारी भले ही पुलिस फोर्स न मिलने का बहाना बना रहे हैं। जबकि असलीयत यह है कि सियासी दबाव के कारण निगम की प्रस्तावित ड्राइव ठंडे बस्ते में चली गई।
लुधियाना(हितेश): न्यू प्रेम नगर में हुए अवैध कब्जों पर कार्रवाई न होने के लिए नगर निगम के अधिकारी भले ही पुलिस फोर्स न मिलने का बहाना बना रहे हैं। जबकि असलीयत यह है कि सियासी दबाव के कारण निगम की प्रस्तावित ड्राइव ठंडे बस्ते में चली गई। इसके अलावा अफसरों को मौके पर भारी विरोध होने का डर भी सता रहा था। जानकारी के मुताबिक घुमार मंडी के साथ लगती कई एकड़ जगह दशकों पहले अधिग्रहत की गई थी। जहां पहले रोज गार्डन के साथ लगती जगह के विस्तार की योजना बनी। लेकिन वो सिरे नहीं चढ़ी और बाद में कुछ जगह बेच भी दी गई। इसके अलावा टी.पी. स्कीम बनाने का प्रस्ताव भी लटक रहा। जिसका फायदा उठाकर लोगों ने पक्के मकान बनाने सहित झुग्गियों के रूप में कब्जा कर लिया।
जिनको हटाने का मामला काफी देर से लटक रहा था। लेकिन लंबे समय तक कोर्ट केस चलने के बाद निगम को वहां बुल्डोजर चलाना पड़ा। जहां कुछ देर बीतने के बाद दोबारा कब्जे होने लगे हैं। जिनको हटाने के लिए निगम ने एक बार फिर से योजना बनाई। इसके तहत पुलिस फोर्स व दंगा निरोधक दस्ता भी मांगा गया। लेकिन यह सूचना लीक हो गई। जिस पर कांग्रेसी नेता कमिश्नर के पास सिफारिश लेकर पहुंच गए कि कार्रवाई की जगह वहां काबिज लोगों को रैगुलर किया जाए या उनको कहीं फ्लैटों में शिफ्ट कर दिया जाए। इस पर फिलहाल ड्राइव को ड्रॉप कर दिया गया। जिसके लिए निगम द्वारा पुलिस फोर्स न मिलने का बहाना बनाया गया है। जबकि एक असलियत यह भी है कि कार्रवाई की भनक लगने पर लोगों ने भी विरोध का प्लान बनाया हुआ था। जिसके डर से निगम ने पैर पीछे खींच लिए, क्योंकि फोकल प्वाइंट में कब्जे हटाने के दौरान पथराव होने की घटना से निगम अफसरों में खौफ का माहौल है।