Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 09:48 AM
श्री दुर्ग्याणा मंदिर के मिष्ठान भंडार में हुए लाखों रुपए के घपले के मुख्य आरोपी विशाल मरवाहा को आज माननीय अदालत के निर्देशों पर ज्यूडीशियल रिमांड पर भेज दिया है।
अमृतसर (संजीव): श्री दुर्ग्याणा मंदिर के मिष्ठान भंडार में हुए लाखों रुपए के घपले के मुख्य आरोपी विशाल मरवाहा को आज माननीय अदालत के निर्देशों पर ज्यूडीशियल रिमांड पर भेज दिया है।
विशाल ने पुलिस के आगे बहुत से अहम खुलासे किए, जिसमें उसने माना कि वह पिछले कई वर्षों से मिष्ठान भंडार के गल्ले को चूना लगा रहा था। आरोपी अपने दो साथियों में शामिल विपन व नीरज के साथ मिलकर घपलेबाजी करता था। अभी तक पुलिस 2 आरोपियों के विरुद्ध ही मामला दर्ज कर पाई है, जबकि पुलिस जांच के दौरान विशाल अपने साथी नीरज का भी नाम उगल चुका है। तीनों आरोपी घपले की राशि को मिलकर बांटते थे और कई बार इकट्ठे इस पैसे से मौज-मस्ती भी करते थे।
कैसे बनाई घोटाले की योजना
मिष्ठान भंडार के गल्ले में घपलेबाजी करने वाला मुख्य आरोपी विशाल मरवाहा 4 वर्षों से पर्ची काऊंटर पर कार्यरत था, जिसने 5 हजार रुपए से नौकरी शुरू की थी और अब वह कमेटी से 9 हजार रुपए वेतन ले रहा था। आरोपी सुबह से शाम तक कैश काऊंटर पर काम करता और शाम को पॢचयों के हिसाब से कैश टैली कर कमेटी के अधिकारी को जमा करवा देता था।
2 वर्ष पूर्व विशाल मरवाहा का कम्प्यूटर अचानक खराब हो गया जिस पर कम्प्यूटर मैकेनिक को मौके पर बुलाया गया, जो उसे ठीक कर वापस लौट गया। जब शाम को विशाल मरवाहा ने कम्प्यूटर के हिसाब से पॢचयां टैली की तो उसमें 1 हजार रुपए का कैश अधिक था, उसने उस कैश को तो अपनी जेब में डाल लिया और आगे से घपले की योजना बना डाली, जिसके उपरांत उसने अपने 2 साथियों नीरज व विपन को साथ मिलाया और तीनों मिलकर कैश में घपलेबाजी करने लगे।
रोज की सेल में विशाल 3-4 हजार रुपए की घपलेबाजी करता और अपने साथियों में बांट लेता। पुलिस द्वारा विशाल मरवाहा के घर से 20.29 लाख रुपए की राशि बरामद करने के उपरांत अब उन्हें यह लग रहा है कि इतनी ही राशि अन्य दो आरोपियों से भी बरामद हो सकती है क्योंकि घपले का पैसा तीनों आपस में बराबर-बराबर बांटते थे।
अगर विशाल दीवाली की पूर्व संध्या पर बड़ा हाथ न मारता तो हो सकता है कि मिष्ठान भंडार में पिछले 2 वर्षों से चल रही घपलेबाजी ऐसे ही चलती रहती। पुलिस अब दूसरे आरोपियों की धर-पकड़ के लिए छापामारी कर रही है। इनकी गिरफ्तारी के उपरांत यह घोटाला और भी बढ़ सकता है। हैरानी की बात यह है कि करीब 2 वर्षों से श्री दुग्र्याणा मंदिर के मिष्ठान भंडार में चल रहे लाखों के घपले संबंधी कमेटी को भनक क्यों नहीं लगी? यह भी एक जांच का विषय है। मिष्ठान भंडार में आने वाले खाद्य पदार्थ का भुगतान इकट्ठी हुई राशि से ही किया जाता था।