Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 11:25 AM
बैंक अकाऊंट हैक करने का खेल हो या फिर फर्जी चैक बनाने का मामला हो, देशभर में माफिया सक्रिय है। आई.टी. में माहिर युवा इस खेल में इतना सक्रिय हो चुका है कि बैंक के इंटर्नल विभाग व साइबर क्राइम विभाग को इनका पता तक नहीं चल पाया। वित्त वर्ष 2016-17 की...
जालंधर (रविंदर शर्मा) : बैंक अकाऊंट हैक करने का खेल हो या फिर फर्जी चैक बनाने का मामला हो, देशभर में माफिया सक्रिय है। आई.टी. में माहिर युवा इस खेल में इतना सक्रिय हो चुका है कि बैंक के इंटर्नल विभाग व साइबर क्राइम विभाग को इनका पता तक नहीं चल पाया। वित्त वर्ष 2016-17 की ही बात करें तो देश की बैंकों ने फ्रॉड के मामलों में लगभग 17 हजार करोड़ रुपए गंवाए हैं। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने हाल में लोकसभा में यह जानकारी भी दी थी। वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक की फ्रॉड मॉनीटरिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह जानकारी दी है। बैंकों व ग्राहकों के साथ हो रहे इस फ्रॉड के खेल को अब केंद्रीय एजैंसियां और साइबर क्राइम विभाग गंभीरता से ले रहा है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बैंक अकाऊंट हैक व चैक हैक करने का खेल कानपुर और बेंगलूर से चल रहा है। इसको लेकर साइबर क्राइम विभाग के पास खासे सबूत भी आ चुके हैं और जल्द ही इस गंदे खेल का साइबर क्राइम विभाग खुलासा कर सकता है।
एक छोटी-सी गल्ती से हैक हो सकता है आपका बैंक अकाऊंट
स्टेट बैंक आफ इंडिया (एस.बी.आई.), जो देश का सबसे बड़ा बैंक है, की ओर से अपने ग्राहकों के लिए जारी की गई चेतावनी में बताया गया है कि आपकी छोटी सी गल्ती से हैकर आपके खाते में सेंध लगा सकता है। बैंक ने अपने 17 करोड़ डेबिट कार्ड होल्डर्स को इस चेतावनी के जरिए आगाह करते हुए कहा है कि वे अपनी मां का सरनेम किसी के साथ शेयर न करें। इसका कारण यह है कि जब यूजर्स अपने डेबिट कार्ड का पासवर्ड रि-सैट करता है तो उससे सिक्योरिटी सवाल में मां का सरनेम या आपका पैट नेम पूछा जाता है।
समय-समय पर दी जाती है चेतावनी
बैंक की तरफ से कहा गया है ऐसे में यदि आप अपना पैट नेम या मां का सरनेम किसी के साथ शेयर करते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। बैंक की तरफ से अपने ग्राहकों को जागरूक करने के लिए मैसेज के जरिए समय-समय पर चेतावनी दी जाती है। इन मैसेज में ग्राहकों से अपनी पसर्नल डिटेल किसी के साथ शेयर करने से साफ मना किया जाता है।
स्ट्रांग पासवर्ड हो
साथ ही बैंक की तरफ से इंटरनेट बैंकिंग की यूजर आई.डी. और पासवर्ड को हमेशा गोपनीय रखने के लिए कहा जाता है। आपको हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड बनाना चाहिए, जिसमें स्पैशल करैक्टर हों। आम तौर पर लोग ऐसा पासवर्ड बना लेते हैं, जिसे याद रखने में सहूलियत हो। मगर इससे अकाऊंट हैक होने का खतरा बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि सरल पासवर्ड साइबर क्राइम करने वाले आसानी से क्रैक कर लेते हैं। यह भी जरूरी है कि आप समय-समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहें।