Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 03:43 PM
बुधवार प्रात: सड़क हादसे में मारे गए 2 बहनों के युवा भाइयों के शव जब गांव सुधारा में पहुंचे तो पारिवारिक सदस्यों के साथ पूरे गांववासियों की आंखों में आंसू बह रहे थे और हर किसी की जुबान पर था कि बड़ी मुश्किल से गरीब परिवार के जवान बच्चे मेहनत-मजदूरी...
फिरोजपुर(मल्होत्रा): बुधवार प्रात: सड़क हादसे में मारे गए 2 बहनों के युवा भाइयों के शव जब गांव सुधारा में पहुंचे तो पारिवारिक सदस्यों के साथ पूरे गांववासियों की आंखों में आंसू बह रहे थे और हर किसी की जुबान पर था कि बड़ी मुश्किल से गरीब परिवार के जवान बच्चे मेहनत-मजदूरी करके अपने पैरों पर खड़े हो रहे थे, पता नहीं किस की नजर लग गई और हंसता-खेलता पूरा परिवार आज इस गंभीर संकट में आ खड़ा है।
मेहनत-मजदूरी करके मृतक सन्नी और जसविन्द्र के पिता जगतार सिंह ने अपनी 2 बेटियों और दोनों बेटों की परवरिश कर उन्हें इस काबिल बनाया कि वे अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार का पालन-पोषण कर सकें। अपनी बड़ी बेटी लवप्रीत की शादी के बाद अभी हाल ही में सन्नी की शादी की थी और उसके घर एक पुत्र हुआ और छोटे बेटे जसविन्द्र की मंगनी हुई थी और परिवार शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था, लेकिन भगवान को यह मंजूर नहीं था। दोनों बेटों ने पेंटर का काम सीखा और घर की गरीबी दूर करने के लिए दिन-रात मेहनत करते थे।
बड़ी बहन की शादी के बाद परिवार पर पड़े आर्थिक बोझ को उतारने के लिए सन्नी ने विदेश में काम करने की योजना बनाई और 3 माह बाद वह दुबई जा रहा था। सन्नी अक्सर कहता था कि जब वह बाहर काम करने लगेगा तो इतने पैसे कमाएगा कि अपने परिवार तो क्या पूरे खानदान के दिन बदल देगा। उधर छोटे भाई जसविन्द्र की मंगनी के बाद पूरा परिवार उसकी शादी की योजनाएं बना रहा था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। जिन बेटों के सहारे जगतार सिंह को अपनी जिन्दगी का कर्ज उतरता नजर आ रहा था, उन्हीं बेटों की लाशें आज उसके कंधों का बोझ बन गई हैं। सन्नी की 2 वर्ष पहले शादी हुई थी और उसका एक बेटा है।