Edited By Updated: 21 Apr, 2017 08:43 AM
अभिभावकों की जेब को चपत लगाने वाले निजी शिक्षण संस्थान प्रशासन व सरकार की सख्ती के बावजूद यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं जिससे इसमें सवार नौनिहालों की सुरक्षा के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
पठानकोट (शारदा, मनिन्द्र): अभिभावकों की जेब को चपत लगाने वाले निजी शिक्षण संस्थान प्रशासन व सरकार की सख्ती के बावजूद यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं जिससे इसमें सवार नौनिहालों की सुरक्षा के दावे खोखले नजर आ रहे हैं। ऐसी ही एक अन्य लोमहर्षक दुर्घटना में 4 वर्षीय अबोध बच्ची की जान जाते-जाते बच गई। गुंजन ठाकुर, जिसके पिता सुखदेव सिंह सी.आर.पी.एफ. में कार्यरत हैं, अपने ही स्कूली वाहन की चपेट में आ गई और बुरी तरह फंस गई। गुंजन की दादी सुदेश कुमारी ने बताया कि दोपहर के समय जब उनकी लाडली को स्कूली वाहन घर छोडऩे आया तो कंडक्टर न होने के कारण उसे किसी अन्य बच्चे ने वाहन से उतारा तथा चालक अपनी सीट पर ही बैठा रहा।
इससे पहले कि गुंजन वाहन से दूर हो पाती चालक ने गाड़ी फौरन चला दी जिससे वह स्कूली वाहन की चपेट में आ गई और उसके बाल 15 मिनट तक दरवाजे में फंसे गए। गुंजन की दादी तो उक्त वाकया देखकर बेसुध हो गई। उसके बाल सिर से उखड़ गए व होंठ बुरी तरह फट गए, वहीं दांत भी टूट गए। गुंजन को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया।