Edited By Updated: 24 May, 2017 04:30 AM
आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 26 नवम्बर 2012 को नई दिल्ली में....
जालंधर(धवन): आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 26 नवम्बर 2012 को नई दिल्ली में दोपहर 12 बजे हुई थी। इस पार्टी का जन्म अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में से हुआ था तथा आई.आर.एस. अधिकारी अरविंद केजरीवाल ने भारतीय राजनीति को नई दिशा देने की बात कही थी परंतु जिस तरह से ‘आप’ विवादों में घिरती चली गई, उससे इसकी साख को बुरी तरह से धक्का लगा।
ज्योतिषी संजय चौधरी के अनुसार 2013 के एन.सी.आर. चुनावों में ‘आप’ दूसरी बड़ी पार्टी बन कर उभरी। पार्टी 49 दिनों तक सत्ता में रही। 2015 में ‘आप’ 70 में से 67 सीटें जीतकर भारी बहुमत से सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का लग्र मकर है तथा उसका स्वामी शनि 10वें घर में शुक्र के साथ तुरन्त प्रसिद्धि दिलाता है। चंद्रमा की राशि मेष है जोकि चौथे घर में बैठा है परंतु उसका स्वामी मंगल 12वें घर में है जिस पर शनि की दृष्टि होने के कारण अनेकों विवाद उभरते हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी गठन के समय ‘आप’ को शुक्र की महादशा चल रही थी, जोकि शनि के साथ अपनी ही राशि में बैठा हुआ है जिस कारण इस पार्टी से लोगों को भारी उम्मीदें थी परंतु उसी घर में वक्री अवस्था में बुध बैठा हुआ है जो पार्टी में घबराहट की स्थिति को भी दर्शाता है इसीलिए ‘आप’ संदेह, विवादों के घेरे में घिरी रही। यहां तक कि ‘आप’ के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण तथा योगेन्द्र यादव ने पार्टी को छोड़ दिया। कुंडली में शुक्र पीड़ित होने के कारण पार्टी नेताओं के विवादों का कारण महिलाएं भी बन रही हैं। पंजाब चुनावों के समय संदीप कुमार की सैक्स सी.डी. सामने आई।
संजय चौधरी ने कहा कि इस समय ‘आप’ शुक्र महादशा में मंगल की अंतर्दशा में से गुजर रही है जोकि 23 मई 2017 को शुरू हुई। मंगल 12वें घर में बैठा हुआ है, जिससे इस पार्टी के कई नेताओं को निकाला गया। यह स्थिति 23 जुलाई 2017 के बाद और भी घातक हो जाएगी, जब शुक्र महादशा में राहू की अंतर्दशा शुरू होगी। राहू शनि तथा मंगल के बीच बैठा हुआ तथा उसके साथ सूर्य भी है जिस कारण ‘आप’ के सर्वोच्च नेताओं को अदालतों या पुलिस केसों का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी में विभाजन भी हो सकता है। गोचर में बृहस्पति 9वें घर में संचार करते हुए कुछ राहत दे सकता है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर आम आदमी पार्टी का बनेगा क्या? उन्होंने कहा कि 2018 के बाद पार्टी का एक नया स्वरूप सामने आएगा, जिसमें नए चेहरे सामने आएंगे। तब पार्टी में स्थिरता दिखाई देगी।