Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Oct, 2017 10:21 PM
अपने वोट बैंक व लोकप्रियता के ग्राफ में कमी का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने ‘अपनी डफली, अपना राग’ अलापना अभी बंद नहीं किया है। पार्टी अभी तक चंडीगढ़ में अपना कार्यालय भी स्थापित नहीं कर पाई है। हालांकि पार्टी ने चुनाव से पहले ही...
चंडीगढ़(शर्मा): अपने वोट बैंक व लोकप्रियता के ग्राफ में कमी का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने ‘अपनी डफली, अपना राग’ अलापना अभी बंद नहीं किया है। पार्टी अभी तक चंडीगढ़ में अपना कार्यालय भी स्थापित नहीं कर पाई है। हालांकि पार्टी ने चुनाव से पहले ही मीडिया से जुड़े लोगों की सेवाएं हायर कर मीडिया सैल का गठन किया था लेकिन उसका अभी तक कोई सही ठिकाना नहीं और न ही मीडिया को जारी होने वाली विज्ञप्तियों को लेकर विभिन्न नेताओं व मीडिया सैल में कोई सामंजस्य है।
एक ही विषय को लेकर पार्टी स्तर व विधानसभा में विपक्ष के नेता की ओर से अलग-अलग विज्ञप्तियां जारी की जा रही हैं। अभी हाल ही में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले में सरकार के उत्पीडऩ का मामला अपने स्तर पर प्रैस विज्ञप्ति जारी कर उठाया तो अगले ही दिन इसी विषय पर पार्टी मीडिया सैल की ओर से प्रदेश पार्टी प्रधान भगवंत मान की विज्ञप्ति जारी हो गई।
यही नहीं सरकार द्वारा राज्य के 800 स्कूलों के मर्जर के संबंध में लिए गए फैसले पर शनिवार को जहां खैहरा की ओर से विज्ञप्ति जारी कर सरकार के इस फैसले की ङ्क्षनदा की गई, वहीं पार्टी की ओर से भी इसी तर्ज पर पार्टी के सह-प्रधान अमन अरोड़ा व अन्य विधायकों की ओर से अलग से विज्ञप्ति जारी कर पंजाब सरकार से अपना फैसला बदलने की मांग की गई। स्थिति का मजेदार पहलू यह है कि विज्ञप्तियों के आधार पर समाचार छपने तक न तो पार्टी नेताओं को सुखपाल खैहरा द्वारा उठाए गए मामले की जानकारी होती है और न ही खैहरा को पार्टी की ओर से उठाए गए मामले की।