Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 03:42 AM
2019 के संसदीय चुनाव को लेकर भाजपा लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रही है। सभी राज्यों में अपने मजबूत पैर जमाने...
जालंधर(रविंदर शर्मा): 2019 के संसदीय चुनाव को लेकर भाजपा लगातार अपने कदम आगे बढ़ा रही है। सभी राज्यों में अपने मजबूत पैर जमाने के बाद भाजपा मजबूती से अगला संसदीय चुनाव जीतने पर जोर लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष पूरी तरह से बिखरा हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस से ज्यादा गंभीर आम आदमी पार्टी दिखाई दे रही है।
मोदी को टक्कर देने के लिए ‘आप’ ने अपनी रणनीति में खासा बदलाव किया है। अब पार्टी के नेता मोदी के खिलाफ आग उगलने की बजाय ग्रास रूट पर पार्टी को मजबूत करने में जुट गए हैं। चुपके से पार्टी ने अपने हजारों वालीटिंयर को देश के सभी राज्यों में झोंक दिया है, जो ब्लाक व बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। पार्टी फिलहाल फंड की समस्या से भी जूझ रही है। पार्टी गुजरात व हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव पर अपना वक्त व पैसा जाया करने की बजाय अपना पूरा फोकस 2019 चुनावों पर लगा रही है। विपक्ष के लगातार बिखरने से आप को देश भर में खासी संभावनाएं नजर आ रही हैं। फंड से जूझ रही पार्टी विधानसभा चुनावों में फंस कर अपना पैसा नहीं गंवाना चाहती है।
पार्टी के विधायक व स्पोक्समैन सौरभ भारद्वाज कहते हैं कि अकेले चुनाव लडऩे से ही पार्टी का विस्तार नहीं होता, बल्कि पार्टी को मजबूत करने के लिए हम ग्रास रूट पर घर-घर पहुंच रहे हैं। अभी चाहे पार्टी के पास कम साधन व संसाधन है, मगर देश भर में शुरु की जा रही किसान यात्रा को लेकर पार्टी को काफी पाजीटिव रिस्पांस मिल रहा है। 5 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों का प्रभार संभालने वाले सोमनाथ भारती कहते हैं कि अभी गुंतर में कुछ दिन पहले हुई पार्टी रैली में कई पूर्व विधायकों व सांसदों ने भाग लिया था और इन राज्यों में पार्टी को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। उनका कहना है कि संगठन को राज्यों, पंचायत व ब्लाक स्तर पर मजबूत किया जा रहा है। वह कहते हैं कि भाजपा शासित राज्यों में क्योंकि कांग्रेस लगभग खत्म होने की कगार पर है तो वहां आप अपना अच्छा भविष्य देख रही है और भाजपा को चुनौती देने का दम भर रही है।
जेडीयू नेता नीतिश कुमार व एनसीपी के भाजपा के साथ जाने के बाद अब आप अपनी विपक्षी रणनीति पर भी बदलाव करने पर जोर देने लगी है। अब आप विपक्ष के रूप में अच्छे साथियों की तलाश में है जो भाजपा का दबाव न झेल सकें। आप नेताओं का मानना है कि फंड के लिए भी नए सोर्स तलाशे जा रहे हैं, क्योंकि पार्टी को फंडिंग करने वाले कई लोगों को मौजूदा भाजपा सरकार ने लीगल व इंकम टैक्स में फंसा दिया है। जिससे पार्टी की फंडिंग पर असर पड़ा है। पाटी को नया रूप देने के लिए अब इंफरमेशन टैक्रालाजी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके लिए यू ट्यूब व फेसबुक पर लाइव वीडियो का सहारा भी लिया जा रहा है, ताकि हर युवा तक पार्टी की पकड़ को 2019 चुनावों से पहले पहुंचाया जा सके।