Edited By Updated: 09 May, 2017 03:32 PM
आम आदमी पार्टी की पंजाब में राजनीतिक शुरूआत के समय से ही मालवा की चढ़ाई रही है, यानी मालवा हर फैसले व रणनीति में आगे रहा है।
चंडीगढ़(रमनजीत): आम आदमी पार्टी की पंजाब में राजनीतिक शुरूआत के समय से ही मालवा की चढ़ाई रही है, यानी मालवा हर फैसले व रणनीति में आगे रहा है। वैसा ही आज नई दिल्ली में हुई बैठक में हुआ है। मालवा के भगवंत मान और अमन अरोड़ा अहम पद हासिल करने में कामयाब रहे। इतना ही नहीं, सर्बजीत कौर मानूके को विधानसभा में डिप्टी लीडर का ओहदा भी हासिल हुआ। इत्तेफाकन मानूके भी पंजाब के मालवा की ही हैं। कहा जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में मालवा द्वारा आम आदमी पार्टी की इज्जत रखने के शुकराने के तौर पर आम आदमी पार्टी लीडरशिप ने नई नियुक्तियां की हैं।
पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को कुल 20 सीटें मिली थीं और उनमें से मात्र एक सीट भुलत्थ जहां से सुखपाल खैहरा ने जीत दर्ज की थी, ही पंजाब के मालवा से बाहर है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मालवा ने ही पंजाब में आम आदमी पार्टी को रिस्पांस दिया और इज्जत बचाने का काम किया। जिसकी वजह से पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी को मुख्य विरोधी पार्टी का रुतबा हासिल हो पाया। मालवा के लोगों के दम पर ही भगवंत मान द्वारा कुछ दिन पहले पार्टी लीडरशिप के खिलाफ झंडा बुलंद किया गया था और संभवत: पार्टी लीडरशिप भी मालवा की ताकत को पहचान गई थी, जिसके बाद भगवंत मान को पंजाब प्रधान और अमन अरोड़ा को उप प्रधान का पद सौंपकर संगठन बढ़ाने की जिम्मेदारी दी है। अहम बात यह है कि आम आदमी पंजाब की पूरी कमान एक तरह से संगरूर के हाथ में आ गई है। छोटेपुर को पार्टी से बाहर करते हुए पार्टी लीडरशिप द्वारा घुग्गी को स्टेट कनवीनर तैनात किया गया था।