Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 10:15 AM
सुखपाल सिंह खैहरा के पंजाब विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद गुटबाजी का शिकार आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के लिए सुखपाल सिंह खैहरा के मामले में सार्वजनिक हुई सी.डी. इस पार्टी के विधायकों में एकता के लिए संजीवनी सिद्ध हुई है।
चंडीगढ़ (शर्मा): सुखपाल सिंह खैहरा के पंजाब विधानसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद गुटबाजी का शिकार आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के लिए सुखपाल सिंह खैहरा के मामले में सार्वजनिक हुई सी.डी. इस पार्टी के विधायकों में एकता के लिए संजीवनी सिद्ध हुई है।
खैहरा की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे कुछ विधायकों ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि कम से कम इस सी.डी. ने तो उन्हें भी खैहरा समर्थकों के साथ खड़े होने के लिए मजबूर कर दिया। इनमें पार्टी के वे विधायक भी शामिल थे जो खैहरा को फाजिल्का अदालत द्वारा ड्रग्स मामले में नोटिस जारी होने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से उनके त्यागपत्र की मांग कर चुके थे या फिर अंदरूनी रूप से इस मांग का समर्थन कर रहे थे। यही कारण है कि मंगलवार को विधानसभा सदन की कार्रवाई शुरू होते ही जब खैहरा ने ड्रग्स मामले में कथित रिश्वतखोरी का मामला सदन में उठाया तो सभी पार्टी विधायक व सहयोगी दल लोक इंसाफ पार्टी के बैंस बंधु एक स्वर में मामले की सी.बी.आई. जांच की मांग को लेकर लामबंद थे।
हालांकि शिअद-भाजपा विधायकों द्वारा किसान कर्ज माफी व आम आदमी पार्टी-लोक इंसाफ पार्टी विधायकों द्वारा ड्रग्स मामले में सार्वजनिक हुई सी.डी. मामले की सी.बी.आई. जांच की मांग को लेकर समानांतर रूप से सदन में किए गए हंगामे के चलते सत्तापक्ष ने राहत की सांस ली, लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायकों का मानना है कि इस सी.डी. ने उन्हें रक्षात्मक स्थिति से आक्रामक स्थिति में ला खड़ा किया।
सकारात्मक भूमिका निभाने की सोच लेकिन अंतिम समय में लिया जाएगा रणनीतिक फैसला
सदन की दूसरे दिन की कार्रवाई खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी के विधायकों की सदन परिसर कार्यालय में हुई बैठक में फैसला लिया गया कि बुधवार को सदन की कार्रवाई में रुकावट नहीं डाली जाएगी ताकि पार्टी के अधिकतर सदस्य सदन में अपनी बात रख कर अनुभव प्राप्त कर सकें। हालांकि पार्टी अपने इस रुख में सदन कार्रवाई की कार्यसूची जारी होने के पश्चात अंतिम समय में बदलाव भी कर सकती है।