Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 10:12 AM
पिछले विधानसभा चुनाव से पहले राज्यभर में माहौल बनाने के लिए आम आदमी पार्टी के जिस ‘बड़े’ नेता भगवंत मान ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं
चंडीगढ़ (रमनजीत): पिछले विधानसभा चुनाव से पहले राज्यभर में माहौल बनाने के लिए आम आदमी पार्टी के जिस ‘बड़े’ नेता भगवंत मान ने ताबड़तोड़ रैलियां कीं, उसी के पंजाब ‘आप’ का प्रधान बनने के बाद लगातार दूसरी बड़ी हार म्यूनिसिपल चुनावों के परिणामों के बाद सामने आई है। इससे पहले गुरदासपुर लोकसभा उप-चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।
विधानसभा चुनावों के दौरान मनमाफिक नतीजे न हासिल होने के बाद कुछ दिनों तक ‘नाराज’ रहने उपरांत भगवंत मान ने पार्टी की लीडरशिप व अत्यधिक दखल पर सवाल खड़े किए थे और पार्टी की राष्ट्रीय लीडरशिप पर दबाव बनाकर ‘प्रधानगी’ हासिल की थी। सिर्फ प्रधानगी ही नहीं बल्कि पंजाब में ‘आप’ का पूरा स्ट्रक्चर बदलने, जरूरत के मुताबिक जल्दी फैसले लेने के लिए राज्य को अधिकारों जैसे फैसले भी लागू करवाए थे।
पार्टी लीडरशिप को विश्वास दिलाया गया था कि ऐसा करके पार्टी को पंजाब में फायदा होगा और पंजाब के मूड के मुताबिक पद देकर ज्यादा लोगों को साथ जोडऩे में मदद मिलने का भी आश्वासन दिया गया था लेकिन पार्टी में बड़ा ढांचागत परिवर्तन करने के बाद भी पार्टी लगातार पंजाब में लोगों का समर्थन खो रही है जिसका स्पष्ट उदाहरण लोकसभा के लिए गुरदासपुर सीट पर हुए उप-चुनाव में पार्टी को ‘चंद’ वोटें हासिल हुईं।
बहरहाल, 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पंजाब में हासिल हुई जमीन पार्टी के मौजूदा राज्य नेतृत्व के हाथों से खिसकती देख राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा मनीष सिसौदिया को पंजाब प्रभारी नियुक्त करने का फैसला लेना पड़ा। सिसौदिया की नियुक्ति संबंधी जारी हुई आधिकारिक सूचना में भी नियुक्ति का कारण राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालातों को ही बताया गया है। संभवत: सिसौदिया की नियुक्ति के बाद राज्य में ‘आप’ की संगठनात्मक गतिविधियां पूरी तरह से निगरानी में होंगी और सिर्फ एक गुट को ही प्रोमोट करने की बजाय पार्टी के सभी वालंटियर्स को मौका देकर पार्टी में दोबारा जान फूंकने का प्रयास होगा।