Edited By Updated: 14 Apr, 2017 09:27 AM
बेशक आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बनाने में वंचित रही और उसे 20 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, जबकि विधानसभा चुनावों के बाद बैसाखी अवसर पर दिल्ली से
तलवंडी साबो/ भटिंडा (विजय/ मुनीश): बेशक आम आदमी पार्टी पंजाब में सरकार बनाने में वंचित रही और उसे 20 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, जबकि विधानसभा चुनावों के बाद बैसाखी अवसर पर दिल्ली से उनका कोई नेता नहीं पहुंचा और स्टेज पर ही नेता बहस करते नजर आए। पंजाब विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता एस.एच. फूलका ने अमरीका के पंजाबी सिख डिफैंस मंत्री हरजीत सिंह साजन को पंजाब में आने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा न मिलने की निंदा की। उन्होंने कहा कि पार्टी की समीक्षा के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी, जो इसके कारणों की जांच करेगी। उन्होंने माना कि राजनीतिक कॉन्फ्रैंस में ‘आप’ कार्यकत्र्ताओं की गिनती उम्मीद से कहीं कम रही।
उन्होंने विधानसभा चुनावों में हार का मुख्य कारण लोगों का जरनैल सिंह के खिलाफ गुस्सा बताया, क्योंकि उन्होंने किसी का काम नहीं करवाया। फूलका ने स्टेज पर ही आरोप लगाए कि उन्हें किसी भी कमेटी में शामिल नहीं किया गया और पार्टी ने अपनी मनमर्जी से टिकटों का आबंटन किया। सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि दिल्ली की लीडरशिप के कारण उन्हें पंजाब में हार का मुंह देखना पड़ा और न ही केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा ऐलान कर सके। वह उनकी नीतियों से सहमत नहीं व उनके पार्टी के विरुद्ध तेवर तेज नजर आए। पंजाब के बाहर के लोगों के कारण वह पंजाब की जनता को अपने साथ जोडऩे में असफल रहे। खैहरा जब बोल चुके तब गुरप्रीत सिंह वडैच ने कहा कि यह मसले उन्हें स्टेज पर जनता के सामने नहीं उठाने चाहिए थे, पार्टी के भीतर ही उठाने चाहिए थे। उन्होंने खैहरा को सख्त शब्दों से गुरेज करने को भी कहा। कुल मिलाकर स्टेज पर ही एक-दूसरे पर आरोप लगते नजर आए, जबकि इस जनसभा को विधायक प्रो. बलजिंद्र कौर तलवंडी साबो, विधायक भटिंडा देहाती प्रो. रूपिंद्र कौर रूबी, विधायक मौड़ जगदेव सिंह कमालू, अमन अरोड़ा व नाजर सिंह मानशाहिया ने भी संबोधन किया।