Edited By Updated: 21 Mar, 2017 10:17 AM
पंजाब में हार के बाद अाप अादमी पार्टी नेताअों ने सोमवार को मंथन कर अहम फैसला लिया है।
जालंधरः पंजाब में हार के बाद अाप अादमी पार्टी नेताअों ने सोमवार को मंथन कर अहम फैसला लिया है। पंजाब में आम आदमी पार्टी के कामकाज में दिल्ली का दखल बंद होगा। पार्टी राज्य में अपने फैसले खुद लेगी। पार्टी को पंजाब में मिली हार के लिए उम्मीदवारों ने दिल्ली से आए पार्टी ऑब्जर्वरों और नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
मंथन के बाद पार्टी के पंजाब कन्वीनर गुरप्रीत सिंह वड़ैच ने कहा कि पार्टी के उम्मीदवारों और विधायकों ने एक ही राय दी है कि पार्टी पंजाब में अपने फैसले खुद ले। दिल्ली लीडरशिप की दखलंदाजी बंद हो। हम पार्टी को मजबूत बनाने के लिए संगठन में तब्दीलियां करने जा रहे हैं। हर हलके की अपनी लोकल लीडरशिप तैयार की जाएगी।
जालंधर कैंट से उम्मीदवार एच.एस. वालिया के निवास में हुई मीटिंग में एक-एक कर सभी ने हार और जीत के कारणों पर अपने विचार रखे लेकिन अधिकतर ने एक स्वर में कहा कि दिल्ली वालों का चुनाव में सारे निर्णय लेना और सी.एम. का चेहरा न होना हार का सबसे बड़ा कारण बना। अगर कुछ फैसले समय रहते ले लिए जाते तो यह हालात देखने को नहीं मिलते।
ओवर कॉन्फिडेंस के कारण हारे : भगवंत मान
पार्टी के स्टार प्रचारक भगवंत मान ने बताया कि पार्टी ओवर कॉन्फिडेंट थी। अति उत्साह में चूक के कारण हम हारे। उधर, पार्टी की पंजाब एक्टीविटी से फिलहाल संजय सिंह, दुर्गेश पाठक और दिल्ली से आए हलकों के निरीक्षक लौट चुके हैं। हार की समीक्षा भी पंजाब की लीडरशिप ने खुद ही की है। चार महीने तक लोकल बॉडीज के चुनाव हैं। इन्हें लेकर पंजाब लीडरशिप कैसे टिकटें बांटती है और क्या फैसले लेती है, इससे पार्टी के अगली लाइन ऑफ एक्शन का सीन साफ होगा