Edited By Updated: 30 Mar, 2017 09:29 PM
केंद्रीय खाद्यान्न भंडार के लिए राज्य की अनाज खरीद एजैंसियों द्वारा एफ.सी.आई. को कम स्टॉक डिलीवर.....
चंडीगढ(शर्मा): केंद्रीय खाद्यान्न भंडार के लिए राज्य की अनाज खरीद एजैंसियों द्वारा एफ.सी.आई. को कम स्टॉक डिलीवर करने के चलते जहां पंजाब सरकार को लगभग 31 हजार करोड़ रुपए को कर्ज में तबदील करवाना पड़ा है वहीं इसकी अनाज खरीद एजैंसी पंजाब स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन (पनसप) द्वारा भंडारित अनाज की देखभाल में लापरवाही बरतने और बार-बार खराब गेहूं की अपग्रेडेशन किए जाने की हिदायतों पर ध्यान न देने का मामला सामने आया है। पंजाब विधानसभा के पटल पर बुधवार को जारी की गई वर्ष 2015-16 की कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पनसप प्रबंधन की लापरवाही से सरकारी कोष को 93.29 करोड़ रुपए की चपत लगी है।
पनसप के मुक्तसर कार्यालय ने अलग-अलग गोदामों में वर्ष 2011-12 खरीद वर्ष का 1,60,785 मीट्रिक टन गेहूं स्टोर किया था लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस स्टॉक की सही देखभाल न होने से एफ.सी.आई. ने इस स्टॉक में से 81,978 मीट्रिक टन गेहूं को खराब घोषित करते हुए पनसप प्रबंधन को निर्देश दिए कि इस स्टॉक की अपग्रेडेशन कर सही स्टॉक को एफ.सी.आई. को एक माह में डिलीवर करे।
अप्रैल 2012 से दिसम्बर 2014 तक एफ.सी.आई. द्वारा पनसप को बार-बार अपग्रेडेशन के लिए कहने व डिलीवरी की समयावधि में बढ़ौतरी करने के बावजूद पनसप प्रबंधन उक्त खराब स्टॉक में से सिर्फ 9,133 मीट्रिक टन गेहूं ही एफ.सी.आई. को डिलीवर कर सका। शेष 149.60 करोड़ के 72,845 मीट्रिक टन गेहूं को मानव खपत के लिए अनुपयुक्त घोषित करते हुए एफ.सी.आई. ने जुलाई 2014 में इस स्टॉक को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार नीलाम करने के निर्देश दिए लेकिन पनसप प्रबंधन सितम्बर 2015 तक मात्र 15,843 मीट्रिक टन खराब गेहूं ही नीलाम कर सका। इसी प्रक्रिया के दौरान स्टॉक में 6.40 करोड़ का 3,116 मीट्रिक टन गेहूं भी गोदाम से गायब पाया गया। शेष बचे 26.13 करोड़ के खराब गेहूं के स्टॉक को पनसप मात्र 10.27 करोड़ में ही नीलाम कर सकी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नियमों के अनुसार पनसप अधिकारियों द्वारा समय-समय पर स्टॉक का निरीक्षण करना जरूरी है लेकिन पनसप के जिला प्रभारी ने निश्चित अंतराल के बाद न तो स्टॉक की जांच की और न ही इस बाबत रिपोर्ट भेजी। इसके चलते सरकारी कोष को 93.29 करोड़ की चपत लगी जिसमें गोदाम से गायब गेहूं की 6.40 करोड़ की राशि भी शामिल है।