Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 01:08 PM
शहर के सेंट जेवियर स्कूल की 8वीं क्लास की छात्रा को खुदकुशी के लिए मजबूर के आरोप में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने सेंट जेवियर स्कूल के प्रिंसीपल (फादर) और दो टीचरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
बठिंडाः शहर के सेंट जेवियर स्कूल की 8वीं क्लास की छात्रा को खुदकुशी के लिए मजबूर के आरोप में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने सेंट जेवियर स्कूल के प्रिंसीपल (फादर) और दो टीचरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उक्त केस दर्ज होने के बाद इस मामले में नया मोड़ गया है। वहीं पुलिस ने भी इस मामले की केस दर्ज होने के बाद जांच शुरू कर दी है।
डी.एस.पी.- 2 गुरप्रीत सिंह ने बताया कि आरोपियों की पहचान फादर यूलालिओ फर्नांडिस, अंग्रेजी टीचर नेहा शर्मा तथा काऊंसलिंग टीचर पूनम आहलुवालिया के रूप में हुई।
मृतक छात्रा रमनदीप कौर उर्फ रिया के पिता सिविल स्टेशन सरकारी क्वार्टर निवासी अमरजीत सिंह ने छात्रा की मौत के 6 दिन बाद पुलिस को एक सुसाइड नोट दिया था जो उसे बेटी के स्कूल बैग में से मिला था। डी.एस.पी. गुरप्रीत सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट की जांच के बाद आरोप सही पाते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश कर दी।
वहीं केस दर्ज होने के बाद यह बात तो साफ हो गई कि रिया ने आत्महत्या की है। डी.एस.पी. ने कहा कि मौत के असल कारण का पता लगाने के लिए पुलिस अभी बिसरा रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वैसे छात्रा की मौत दो मंजिला फ्लैट से कूदने के कारण हुई है। बेटी की मौत के बाद से ही पिता अमरजीत सिंह आरोप लगा रहा था कि स्कूल प्रिंसीपल स्कूल स्टाफ उसकी बेटी को परेशान करते रहे हैं। उसी के चलते पुलिस पहले दिन से मामले की जांच में लगी हुई थी।
एस.एस.पी. नवीन सिंगला ने कहा कि सुसाइड नोट में लड़की के पिता के बयानों के आधार पर पिं्रसीपल व दोनों महिला अध्यापकों के खिलाफ धारा 305, 34 आई.पी.सी. के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। यह मामला काफी गंभीर है इसलिए इसकी गहराई से जांच करने की जरूरत है। क्योंकि खुदकुशी करने वाली बच्ची बहुत छोटी थी लेकिन उसकी जान चली गई। इसके पीछे भी कोई खास कारण है। अगर सच में उस बच्ची को किसी ने थोड़ा-सा भी परेशान किया, साबित हुआ तो संबंधित व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा।
क्या लिखा था सुसाइड नोट में
पुलिस की एफ.आई.आर. के मुताबिक रमनदीप कौर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह आम बच्चों की तरह शरारती भी है और उससे गलती भी होती है परन्तु उसको बोलने का कभी भी मौका नहीं मिलता। वह हर बार गलत भी नहीं होती थी लेकिन उसको हमेशा सजा दी जाती। उसकी अंग्रेजी अध्यापिका नेहा शर्मा, कौंसङ्क्षलग अध्यापिका पूनम आहलूवालिया और पिं्रसीपल यूलालीओ फरनाइड ने कभी भी उसकी बात नहीं सुनी। जब भी कोई विवाद होता तो उसको बोलने का मौका नहीं दिया जाता। हर बार उसकी शिकायत उसके परिजनों को भेज दी जाती और उसको स्कूल से बाहर निकालने की धमकी दी जाती, जिसके चलते वह बहुत परेशान रहती है। वह अपने परिजनों व भाई को बहुत खुश देखना चाहती है, उम्मीद करती हूं कि मौत के बाद वे सभी खुश रहेंगे। उसकी मौत के लिए पिं्रसीपल व 2 अध्यापक जिम्मेदार हैं, जिनको सख्त सजा मिलनी चाहिए।
क्या था मामला
25 अक्तूबर 2017 को जेवीयर स्कूल की नाबालिग छात्रा रमनदीप कौर गंभीर रूप में स्कूल के निकट सरकारी क्वार्टरों के पास मिली थी, जिसे उठाकर अस्पताल लाया गया। हालत गंभीर होने के कारण परिजन उसे पी.जी.आई. चंडीगढ़ ले गए जहां 7 नवम्बर को उसकी मौत हो गई। उसके बाद परिजनों को 11 नवम्बर को बेटी के बैग से 1 सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने पिं्रसीपल व 2 महिला अध्यापकों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। रमनदीप के पिता अमरजीत सिंह ने थाना सिविल लाइन बङ्क्षठडा में शिकायत दर्ज करवाई और सुसाइड नोट भी पुलिस को सौंप दिया।