Edited By Updated: 11 May, 2017 11:53 AM
विधान सभा चुनाव दौरान व चुनाव उपरांत पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा चलाई जा रही गरीबों की आटा-दाल योजना एक बार फिर चर्चा में आ गई है। सत्ता में आई कैप्टन सरकार इस योजना को नए सिरे से लागू करने जा रही है।
कपूरथला (गुरविन्द्र कौर): विधान सभा चुनाव दौरान व चुनाव उपरांत पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा चलाई जा रही गरीबों की आटा-दाल योजना एक बार फिर चर्चा में आ गई है। सत्ता में आई कैप्टन सरकार इस योजना को नए सिरे से लागू करने जा रही है। इस तहत नैशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 व नई आटा-दाल योजना तहत प्रमुख सचिव पंजाब द्वारा सारे जिलों के डी.सी. को अपने-अपने जिलों के नीले कार्डों की जांच करने के हुक्म जारी कर दिए गए हैं। इस कड़ी में जिले के करीब 80 हजार नीले कार्ड धारकों की भी जांच होने जा रही है जिसमें में अकेले कपूरथला विधान सभा हलके के करीब 21,000 नीले कार्ड हैं।
नीले कार्डों पर काटी जाएगी पूर्व मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं की फोटो
पूर्व बादल सरकार के कार्यकाल दौरान गरीबों के नीले कार्डों पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व फूड सप्लाई मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों के साथ-साथ विधान सभा चुनाव दौरान कई नेताओं के नीले कार्डों पर अपनी फोटो लगा ली थी। कई नेताओं ने तो बाकायदा अपनी पासपोर्ट साइज फोटो नीले कार्डों पर चिपकाई व कई नेताओं ने अपने पंफलैट्स छपवाकर नीले कार्डों पर चिपका दिए पर नई आटा-दाल योजना में पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के सारे नेताओं की फोटो काटी जाएगी।
60 हजार से कम हो वार्षिक आमदन
नीले कार्ड के लिए लाभपात्र की वार्षिक आमदन 60 हजार से कम होनी चाहिए व मैंबरों का आधार कार्ड, महिला मुखी का मोबाइल नंबर व बैंक खाता भी फार्म में अटैच होना चाहिए। गांवों में पटवारी, पंचायत सचिव व सुपरिटैंडैंट खुराक सप्लाई करेंगे जांचनीले कार्डों की जांच की सारी जिम्मेदारी डी.सी. ने तय की है। इसके अतिरिक्त सारे एस.डी.एम. अपने इलाके में जांच करेंगे व देहाती इलाकों में पटवारी, पंचायत सचिव व सुपरिटैंडैंट खुराक सप्लाई नीले कार्ड की जांच करेंगे।
बाजार से ही गेहूं खरीदने लगे लोग
नई सरकार कारण अभी तक नीले कार्ड होल्डरों को गेहूं नहीं मिला जिस कारण गरीब लोग अपना पेट भरने के लिए बाजार से महंगे दाम में गेहूं खरीदने के लिए मजबूर हैं।
15 मई तक पूरी होगी जांच
पूर्व बादल सरकार द्वारा आटा-दाल योजना के जरिए अपने वोट बैंक में विस्तार किया गया था। इसलिए कैप्टन सरकार भी नहीं चाहती है कि इस योजना को बंद करने से वोट बैंक में कोई नुक्सान हो। इसलिए 15 मई तक नीले कार्डों की जांच का काम पूरा करने के हुक्म जारी किए गए हैं।
आटा-दाल स्कीम वाले लाभपात्र दुविधा में
आटा-दाल स्कीम के लाभपात्री इस समय दुविधा में हैं कि वे बाजारों गेहूं खरीदे या नहीं? दूसरी तरफ यह गरीब लाभपात्र इस चिंता में भी डूबे हुए हैं कि इस बार जांच उपरांत पता नहीं उनको यह लाभ मिलेगा कि नहीं।