Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 10:16 AM
पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य भर के विद्यार्थियों की कम गिनती वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी प्राइमरी स्कूलों में शामिल करने के फैसला से शिक्षा विभाग व राज्य भर की अध्यापक जत्थेबंदियां एक बार फिर से ‘आमने-सामने’ हो गई हैं।
मोगा (पवन ग्रोवर): पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य भर के विद्यार्थियों की कम गिनती वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी प्राइमरी स्कूलों में शामिल करने के फैसला से शिक्षा विभाग व राज्य भर की अध्यापक जत्थेबंदियां एक बार फिर से ‘आमने-सामने’ हो गई हैं।
‘सरकार का फैसला नादिरशाही फरमान’
शिक्षा विभाग का तर्क है कि 20 विद्यार्थियों से कम गिनती वाले स्कूलों को एक किलोमीटर दायरे में आते स्कूलों में तबदील करने से प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों की कमी पूरी होगी लेकिन दूसरी तरफ अध्यापक जत्थेबंदियों का कहना है कि शिक्षा के अधिकार कानून में कहीं भी यह नहीं दर्शाया गया कि सरकारी स्कूल में कम से कम विद्यार्थियों की गिनती कितनी होनी चाहिए, इसलिए सरकार का यह फैसला पूरी तरह से नादिरशाही फरमान है, जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की बनी स्थिति उपरांत सरकार विरुद्ध अध्यापक जत्थेबंदियों ने तेज संघर्ष करने की घोषणा की है।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा हासिल की गई जानकारी अनुसार समूचे पंजाब में बंद किए जाने वाले 800 स्कूलों में मोगा जिले के 7 स्कूल भी शामिल हैं, जिनमें विद्यार्थियों की गिनती कम होने कारण इनको बंद करने के लिए सरकार ने पत्र जारी किया है। मोगा जिले में विभिन्न जत्थेबंदियों ने पुतले फूंककर सरकार विरुद्ध रोष प्रदर्शन किया।
सरकारी स्कूल शिक्षा बचाओ मंच द्वारा 25 अक्तूबर को धरने देने की घोषणा
पंजाब सरकार द्वारा राज्य भर के 800 प्राइमरी स्कूल दूसरे स्कूलों में मर्ज करने के फैसले विरुद्ध सरकारी स्कूल शिक्षा बचाओ मंच द्वारा 25 अक्तूबर को लगाए जा रहे धरने की तैयारियों के तहत नेचर पार्क में बैठक की गई। इस अवसर पर परगटजीत सिंह किशनपुरा, गुरमीत ढोलेवाला, जसविंद्र सिंह सिद्धू अध्यक्ष ई.टी.टी. यूनियन, मनमीत सिंह राय, जसवीर सिंह, जगसीर सिंह, सुरेन्द्र शर्मा व दिलबाग सिंह ने कहा कि इस फैसले को वापस करवाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।